Reports and analysis based on folk culture and life philosophy of Himachal Pradesh, Uttarakhand and other adjoining hill states.
देहरादून। यूं तो वर का असल इम्तिहान शादी के बाद होता है, लेकिन पौड़ी जिले के कोटद्वार भाबर में रहने वाले बोक्सा जनजाति के युवाओं को गृहस्थ आश्रम में प्रवेश से पहले ही कठिन परीक्षा से गुजरना... Read more
हिमाचल प्रदेश में बढ़ती पर्यटनीय गतिविधियों के लिए यहां के धार्मिक स्थलों की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। प्रदेश में ऐसे अनेक धार्मिक स्थल हैं जो अपनी पौराणिक पृष्ठभूमि के साथ-साथ प्रकृति के अनु... Read more
हिमाचल प्रदेश में 168 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैली गोबिंदसागर झील अपने तटवर्ती सैकड़ों गांवों के लिए एक आदर्श, सस्ती एवं विश्वसनीय जल परिवहन व्यवस्था भी प्रस्तुत करती है। साठ के दशक में झी... Read more
विश्व के सबसे ऊंचाई पर स्थित धार्मिक स्थल किन्नर कैलाश की यात्रा का अपना अलग महत्व है। करीब 18 हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित किन्नर कैलाश विश्व का एकमात्र ऐसा शिवलिंग है, जो दिन में तीन बार अलग... Read more
तिब्बत के प्रतिष्ठित बौद्ध धर्मगुरू स्व. खेन रिंपोछे कुंगा वाङ चुक ने क्या किन्नौर जिले के आसरंग में एक बालक के रूप में अवतार ले लिया है, इस बात को लेकर यहां बौद्ध धर्मावलंबियों में जोरदार च... Read more
अंतर्राष्ट्रीय लवी मेले में इस बार विख्यात चौमुर्थी नस्ल के घोड़ों की आमद बहुत कम रही। इससे एक ओर जहां खरीददारों को निराश होना पड़ा, वहीं इस विलुप्त प्राय: नस्ल के भविष्य को लेकर भी चिंताएं... Read more
पहाड़ी राज्य उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों में अनेक दिलचस्प रीति रिवाज देखने को मिलते हैं। यहां कुछ क्षेत्र ऐसे भी हैं, जहां विवाह के समय वधू स्वयं बारात लेकर वर पक्ष के घर... Read more