कुल्लू। नाटी हिमाचल प्रदेश का प्रमुख लोक नृत्य है, जिसमें ढोल, नगाड़ों की थाप पर पुरुष और महिलाएं सामुहिक रुप
प्राप्त जानकारी के अनुसार गत 17 अगस्त को शाउड मेले के दौरान वहां गांवों में लोगों ने नाटी (लोकनृत्य) का आयोजन किया, जिसमें पुरुषों के साथ महिलाओं ने भी भाग लिया। इसकी शिकायत देव संसद (देवताओं की कमेटी) तक पहुंची तो सभी भड़क उठे। अंततः देव संसद ने परंपरा तोड़ने का दोषी मानते हुए उक्त 70 महिलाओं पर जुर्माना लगा दिया।
देव संसद के प्रमुख सुरजन और अन्य कारदार जोगिंद्र व जगदीश का कहना है कि स्थानीय परंपरा के अनुसार मलाणा में विवाहित महिलाएं सार्वजनिक आयोजनों में पुरुषों के साथ नृत्य नहीं कर सकतीं। ऐसा करने पर उनके लिए दंड का प्रावधान किया गया है। इसी परंपरा के तहत ही इन महिलाओं को दंडित किया गया है। जुर्माने की राशि देवता के खजाने में जमा होगी।
दिलचस्प बात यह है कि देव दोष के भय से ग्रामीण इस तरह के फरमानों का विरोध भी नहीं कर पाते हैं। इसी कारण दंडित महिलाओं ने भी चुपचाप जुर्माना अदा करना ही बेहतर समझा ।
मलाणा के लोगों को सिकंदर का वंशज माना जाता है और यहां आज भी देव जमदग्नि ऋषि के आदेशों पर ही लोगों की जीवनचर्या चलती है। सरकारी अमले को भी अकसर इसी कारण यहां भारी परेशानी होती है।
कुल्लू के उपायुक्त राकेश कंवर कहते हैं कि उन्हें इस तरह की कोई शिकायत नहीं मिली है। शिकायत मिलेगी तो ही कोई कार्रवाई की जा सकती है।
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