नई दिल्ली। देश में ‘अच्छे दिन’ लाने के आश्वासन पर बनी मोदी सरकार का लगभग आधा कार्यकाल समाप्त होने को आ गया है। सरकार की उपलब्धियों का जायजा लेने का यह सही समय है। जायजा लेने की हमने भी कोशिश की और ‘उपलब्धियों’ की एक सूची तैयार की। आप भी देखें-
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- गंगा सफाई के नाम पर करीब 3000 करोड़ खर्च, नतीजा अभी तक लगभग शून्य।
- मुकेश अंबानी, उनकी पत्नी नीता अंबानी, स्वामी रामदेव जैसे अरबपतियों को जनता के पैसों से भारी सुरक्षा प्रदान की।
- जनता को राम मंदिर-बाबरी मस्जिद के मुद्दे पर लड़ाया और सालों बीत जाने के बावजूद रामलला की तिरपाल तक नहीं बदल पाये, मंदिर तो बहुत दूर की बात है।
- कांग्रेस सरकार की उन योजनाओं, जिन्हें 2014 के पहले ये पानी पी पीकर कोसते थे, को देशहित में बताकर लागू किया, जैसे- FDI, GST, MANREGA, ADHAAR
- प्रधानमंत्री के कपड़ों पर करीब 50 करोड़ खर्च, एक बार पहने गए कपड़ों को दुबारा नहीं पहना महोदय ने।Advertisement
- पाकिस्तान, चीन, नेपाल समेत सभी पड़ोसी मुल्कों से सम्बन्ध बदतर हुए, घुसपैठ भी बढ़ी।
- आजादी के बाद पहली बार पाक की आतंकवादी संस्था ISI को जांच हेतु सम्मानपूर्वक भारत बुलाया गया।
- रुपये को निम्नतर स्तर पर पहुंचाया और कच्चे तेल के दाम एक चौथाई होने के बावजूद जनता को तेल लगभग पुराने दामों पर बेचकर मोटा चूना लगाया।
- जनता को गोरक्षा और गौमाता के नाम पर लड़वाया और खुद बीफ के सबसे बड़े निर्यातक बने, गाय काटने वाली मशीनों पर सब्सिडी दी।
- दलितों को पिटवाकर 19वीं सदी की याद दिलाई जब इन्हें अछूत मानकर इनपर जुल्म किये जाते थे।Advertisement
- विदेश यात्राओं पर हजारों करोड़ खर्च करने के बाद भी कोई फायदा नहीं हुआ, इन ताबड़तोड़ दौरों के बावजूद चीन से मात खा कर NSG की सदस्यता नहीं दिला सके।
- भारत की रैंकिंग विश्वपटल पर गिरी और भारत जाम्बिया, भूटान और अन्य गरीब देशों की श्रेणी में पहुंचा।
- बीजेपी शासित प्रदेशों में हुए सभी घोटालों समेत व्यापम के 48 गवाहों की हत्याओं को दबाया, आरोपियों को बचाया, गैर बीजेपी शासित राज्यों को मदद करने की बजाय षड्यंत्रपूर्वक वहां राष्ट्रपति शासन लगवाया, जिसे कोर्ट की लताड़ के बाद हटाया गया।
- दिल्ली प्रदेश में हुई करारी हार का बदला आये दिन AAP विधायकों को फर्जी केस में फंसाकर लेने का प्रयास किया, कोर्ट ने लगभग सभी AAP विधायकों को बाइज्जत बरी किया और सभी मामलों को राजनीति से प्रेरित बताया।
- भारतीय मीडिया की साख इतने निचले स्तर पर कभी नहीं पहुंची। देश की 80 प्रतिशत जनता मीडिया को बिकाऊ और बेईमान समझने लगी है।Advertisement
- करीब 20 सालों से शांतिपूर्ण रहे कश्मीर में तनाव फैलाया, आतंकियों व अफजल की समर्थक पीडीपी के साथ सरकार बनाई, बुरहान वानी एनकाउंटर पर पहले लोगों को लड़ने मरने दिया और फिर स्वयं मुख्यमन्त्री महबूबा द्वारा आतंकी की मौत को गलत बताते हुए सेना को माफ़ी मांगने का आदेश दिया गया।
- शिक्षा व्यवस्था पर सरकार का दखल बढ़ाया, इसका विरोध करने वाले छात्रों को देशद्रोही प्रचारित किया गया।
- जवाहर लाल यूनिवर्सिटी (JNU) में देशभक्ति का झूठा नाटक खेला, देशद्रोही नारे लगाने वाले असली दोषी कश्मीरी छात्रों को महबूबा मुफ़्ती के दखल के बाद जानबूझकर आजतक नहीं पकड़ा गया।
- सारे मवाली, गुंडों, बदमाशों को सोशल मीडिया का प्रभार सौंपा गया, जिन्होंने सरकार या मोदी का विरोध करने वालों को माँ-बहन की गालियां दीं, भद्दे कमेन्ट किये।
- डिजिटल इंडिया का नारा देकर फोटोशॉप से विपक्षी और विरोधी नेताओं की फर्जी तस्वीरें, फर्जी ट्विटर पोस्ट किए, फर्जी पेपर कटिंग, फर्जी न्यूज़ लिंक्स बनाये और समाज में फैलाकर नफ़रत और हिंसा फैलाने का प्रयास किया।
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