पौड़ी गढ़वाल। पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में उत्तराखंडी महिलाओं के योगदान की मिसाल
चूल्हा चौका निपटाने के बाद खाली समय में ये महिलाएं या तो कंडोलिया जंगल में पौधारोपण करती नजर आती हैं या फिर वृक्षों की सूखी पत्तियां इकट्ठा कर रही होती हैं ताकि जंगल को आग का खतरा न रहे। जंगल की यह हरियाली पूरे कस्बे में भी फैल गई है।
वन पंचायत कंडोलिया के अधीन पौड़ी के चार गांव शामिल हैं। वर्षों से इन गांवों की महिलाएं पर्यावरण संरक्षण में जुटी हैं। फायर सीजन आता है तो महिलाएं कंडोलिया जंगल में पिरुल (सूखी पत्तियां) एकत्र करने में जुट जाती हैं ताकि वनाग्नि का खतरा न रहे। अन्य दिनों में घर के कामकाज निपटाने के बाद वे कंडोलिया क्षेत्र में पौधरोपण करती हैं। इस कार्य में उन्हें वन विभाग से भी भरपूर सहयोग मिलता है।
वन पंचायत कंडोलिया के निवर्तमान सरपंच विक्रम सिंह कहते हैं कि वन पंचायत कंडोलिया ने पर्यावरण संरक्षण के लिए बेहतर कार्य किए हैं। इसमें वन विभाग का भी सहयोग मिल रहा है। पूरा पौड़ी शहर हरा-भरा हो इसके लिए आगे भी कार्य किए जाएंगे।
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