कुल्लू। मनाली के निकट अलेऊ नाले में रविवार को निर्माणाधीन मिनी हाइडल प्रोजेक्ट का बांध जलभराव के
मनाली के समीप 4.8 मेगावाट की इस अलेऊ जल विद्युत परियोजना के बांध में शनिवार को ट्रायल के तौर पर जल भराव शुरू किया गया था, लेकिन यह क्षमता से आधे (6000 घनमीटर) पानी का दबाव भी नहीं झेल पाया और रविवार को नाले में बिखर गया। परियोजना में इसी माह के अंत तक उत्पादन शुरू कर देने की योजना थी।
मनाली के एसडीएम विनय धीमान ने बताया कि परियोजना ने प्रशासन को बांध में ट्रायल बेस पर पानी भरने के बारे कोई जानकारी नहीं दी। बांध टूटने के मामले की जांच की जा रही है। परियोजना प्रबंधन की कोई लापरवाही सामने आती है तो कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
परियोजना के वरिष्ठ प्रबंधक सोहिल पाठक कहते हैं कि विद्युत परियोजना का बांध अचानक कैसे टूट गया, इसकी पूरी जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस बांध के टूटने से परियोजना को करोड़ों रुपये का नुकसान पहुंचा है। इसका आकलन किया जा रहा है।
बांध निर्माण की गुणवत्ता पर प्रश्न चिन्हः जल विद्युत परियोजना के बांध के इस तरह भरभराकर टूट जाने के इसके निर्माण की गुणवत्ता को लेकर भी प्रश्न चिन्ह खड़े हो गए हैं। विद्युत परियोजनाओं में बांध का निर्माण सबसे संवेदनशील पक्ष होता है। इसीलिए ऐसे कार्यों पर अकसर बीमा एवं फाइनांस कंपनियां भी तकनीकी विशेषज्ञों का सहयोग लेकर निगरानी रखती हैं ताकि निर्माण में किसी तरह की खामी की कोई गुंजाइश ही शेष न बचे। ऐसे में अलेऊ जल विद्युत परियोजना में खामियां कैसे रह गईं, यह गहन जांच के बाद ही पता चल सकता है।
स्थानीय वशिष्ठ पंचायत के प्रधान गोवर्धन ठाकुर ने हैरानी जताते हुए कहा कि तथाकथित आधुनिक तकनीक से बना यह बांध ट्रायल बेस पर कैसे रेत के ढेर की तरह ध्वस्त गया? उन्होंने आरोप लगाया कि पानी भरने से पहले परियोजना ने न तो पंचायत को जानकारी दी और न ही लोगों को इस बारे में आगाह किया था। उन्होंने सरकार से मांग की कि इस बांध के निर्माण की गुणवत्ता की उच्च स्तरीय जांच की जाए, क्योंकि बांधों के निर्माण में इस तरह की लापरवाही साथ लगती आबादी के लिए जानलेवा साबित हो सकती है।
अलेऊ निवासी सोहन लाल का कहना है कि डंपिंग साइट पर मलबे के ऊपर ही बांध का निर्माण कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि कि अलेऊ विद्युत परियोजना-1 का मिनी टैंक भी गांव के ऊपर बना हुआ है। उससे भी गांव को खतरा बना हुआ है। यदि यह टैंक भी ध्वस्त हुआ तो पूरा गांव खतरे में पड़ जाएगा।
प्रीणी पंचायत के प्रधान ठाकुर दास ने कहा कि अचानक टूटे इस बांध से प्रीणी गांव के शमशान घाट को भी नुकसान हुआ है। उन्होंने परियोजना प्रबंधन से कहा है कि शमशान घाट को ठीक किया जाए और प्रीणी की ओर भी सुरक्षा दीवार लगाई जाए।