सोलन। हिमाचल प्रदेश का फार्मा हब कहा जाने वाला बद्दी- बरोटीवाला- नालागढ़ (BBN) घटिया दवाओं के लिए लगातार बदनाम होता जा रहा है। हाल ही में भी यहां की 11 दवाओं के सेंपल घटिया पाए गए। यह क्रम पिछले कई वर्षों से जारी है।
केंद्रीय औषध मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने हाल ही में देशभर की फार्मा कंपनियों की 1251 दवाओं के सेंपल लिए थे, जिसमें हिमाचल में बनी 11 दवाओं सहित देशभर की 59 दवाएं मानकों पर खरी नहीं उतरी हैं। सीडीएससीओ इस संबंध में ड्रग अलर्ट जारी कर कहा है कि जांच में एंटीबायोटिक, बुखार, कैल्शियम, गैस्टिक व हड्डियां मजबूत करने वाली दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं।
प्रदेश की इन दवाओं के सेंपल हुए फेल
बद्दी की कंपनी स्पास रेमेडीज से लिया एंटीबायोटिक दवा एमोक्सोलीन का सैंपल फेल हुआ है। शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए इस दवा का प्रयोग किया जाता है। कोसमो फार्मा कंपनी बरोटीवाला (सोलन) की पेंटाप्रोजोल सोडियम दवा भी मानकों पर खरी नहीं उतरी है। इस दवा का प्रयोग गैस्टिक के मरीजों के लिए किया जाता है। कोस्टिक हेल्थकेयर थाना बद्दी की कैल्शियम की दवा का सैंपल भी फेल हुआ है। इसका प्रयोग हड्डियों व मासपेशियों को मजबूत करने के लिए किया जाता है। पार्क फार्मा बद्दी की एंटी बायोटिक दवा आमोक्सोलीन एंड पोटाशियम की गुणवत्ता भी सही नहीं पाई गई है।
इसी प्रकार बुखार में प्रयोग होने वाली यूनाइटल फार्मूलेशन बद्दी की दवा टेजोटोल-पी का सैंपल भी फेल हुआ है। इनके अलावा ऐश्वर्या हेल्थकेयर बद्दी की हेपासेल 25000 इंजेक्शन, जी लैब पांवटा साहिब (सिरमौर) की संक्रमण के इंजेक्शन पेप्रासिलीन एंड टेजोबैक्टम व एरिस्टो फार्मासिस्यूटीकल बद्दी की एंटीबायोटिक दवा मोनोसेफ ओ का सैंपल फेल हुआ है। टैरेस फार्मा कंपनी संसारपुर टैरेस (कांगड़ा) की उच्च रक्तचाप की दवा रैमीप्रिल, हीलर्स लैब यूनिट-2 बद्दी की ब्लड शूगर की दवा गलिमपीराइड, इवेंट कारपोरेशन यूनिट-2 कालाअंब (सिरमौर) से लिया गया पेट की दवा एलबेंडजोल का सैंपल भी फेल हुआ है।
अन्य राज्यों में बनी इन दवाओं के सेंपल फेल
उत्तराखंड की एप्पल फार्मूलेशन कंपनी की लेवोसिस्ट्राजिन डीहाइक्लोराइड सिरप, पंचकूला (हरियाणा) की पार्क फार्मूलेशन की दवा एजीथ्रोइसिन, हरिद्वार (उत्तराखंड) की ग्लोबिन फार्मासियूटीकल की कैल्शियम व विटामिन की दवाओं का सैंपल फेल हुआ है। मध्य प्रदेश के जैक्सन लैब की दर्द निवारक दवा डाइक्लोफेनेक दवा का सैंपल मानकों पर खरा नहीं उतरा।
राज्य दवा नियंत्रक नवनीत मरवाह ने बताया कि इन कंपनियों को नोटिस जारी किए जाएंगे। संतोषजनक जवाब नहीं आने पर इनके लाइसेंस रद्द किए जा सकते हैं।