Warning: substr_count(): Empty substring in /home2/himnefg6/public_html/wp-content/plugins/ads-for-wp/output/functions.php on line 1274
उत्तराखंड से राष्ट्रपति शासन हटा, भाजपा को झटका - Himnewspost

Advertising

उत्तराखंड से राष्ट्रपति शासन हटा, भाजपा को झटका

देहरादून। नैनीताल हाईकोर्ट ने वीरवार को उत्तराखंड से राष्ट्रपति शासन हटाने का फैसला सुना दिया। अदालत ने हरीश रावत सरकार को विधानसभा में 29 अप्रैल को बहुमत परीक्षण का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा, “केंद्र की ओर से राज्य में धारा 356 का इस्तेमाल सुप्रीमकोर्ट द्वारा निर्धारित नियम के ख़िलाफ़ है।” अदालत के इस फैसले को भाजपा सहित कांग्रेस के नौ बागी विधायकों को भी बड़ा झटका माना जा रहा है। हालांकि बागी विधायकों को लेकर सुनवाई 23 अप्रैल को बाकी है।

हाईकोर्ट ने कथित रूप से यहां तक टिप्पणी की है, “कांग्रेस के नौ बागी विधायकों को पार्टी से टूट के ‘संवैधानिक पाप’ की कीमत अयोग्य होकर चुकानी होगी।” लेकिन इस टिप्पणी की अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है। माना जा रहा है कि यदि बागी नौ विधायकों की सदस्यता रद्द हो जाती है तो हरीश रावत अन्य विधायकों द्वारा गठित पीडीएफ (प्रोग्रेसिव डेमोक्रेटिव फ्रंट) की सहायता से बहुमत प्राप्त कर सकते हैं।

मुख्यमंत्री हरीश रावत ने जहां हाईकोर्ट के फैसले को राज्य की जनता की जीत बताया है, वहीं भारतीय जनता पार्टी ने कहा है कि उसे अदालत के फैसले पर आश्चर्य नहीं है। भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि पार्टी इस फैसले को सुप्रीमकोर्ट में चुनौती देगी।

केंद्र सरकार ने उत्तराखंड में 27 मार्च को धारा 356 का प्रयोग करते हुए राष्ट्रपति शासन लगाया था। तब तक मुख्यमंत्री रहे हरीश रावत ने इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। इससे पहले हाईकोर्ट की खंडपीठ ने बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान भी केंद्र सरकार को फटकार लगाई थी। कोर्ट के मुताबिक राज्यपाल की रिपोर्ट में भी राज्य में संवैधानिक संकट का जिक्र नहीं था।

जस्टिस केएस जोसेफ और जस्टिस बिष्ट की खंडपीठ ने केंद्र से कहा कि, वो “कोर्ट के साथ खेल रहे हैं। हमें गुस्से से ज़्यादा इस बात का दर्द है कि क्या सरकार कोई प्राइवेट पार्टी है?” अदालत ने केंद्र को फटकारते हुए कहा कि, “कल अगर आप राष्ट्रपति शासन हटा देते हैं और किसी को सरकार बनाने के लिए बुला लेते हैं तो ये न्याय के साथ मजाक होगा।”

बुधवार को तीसरे दिन की सुनवाई के दौरान केंद्र के अधिवक्ता एडिशनल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि यह कोई इंस्पेक्टर का आदेश नहीं, राष्ट्रपति का आदेश है। राष्ट्रपति का लंबा अनुभव है। उन्होंने काफी सोच समझकर ही उत्तराखंड में धारा 356 लागू की। जवाब में चीफ जस्टिस केएम जोजफ ने कहा था कि राष्ट्रपति कोई राजा नहीं है। राष्ट्रपति के साथ जज भी गलती कर सकते हैं। भारतीय न्यायपालिका में दोनों के फैसलों को चुनौती दी जा सकती है।

एच. आनंद शर्मा

H. Anand Sharma is active in journalism since 1988. During this period he worked in AIR Shimla, daily Punjab Kesari, Dainik Divya Himachal, daily Amar Ujala and a fortnightly magazine Janpaksh mail in various positions in field and desk. Since September 2011, he is operating himnewspost.com a news portal from Shimla (HP).

Recent Posts

पं नेहरू के प्रति मेरे मन में पूरा सम्मानः शांता कुमार

धर्मशाला। पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री शांता कुमार ने कहा है कि पालमपुर नगर… Read More

6 months ago

मणिकर्ण में आग लगने से दो मंजिला मकान जलकर राख

कुल्लू। जिला कुल्लू के मणिकर्ण घाटी के गांव सरानाहुली में बुधवार रात को दो मंजिला… Read More

6 months ago

फासीवाद बनाम प्रगतिशील

फासीवाद और प्रगतिशील दोनों विपरीत विचारधाराएं हैं। एक घोर संकीर्णवादी है तो दूसरी समाज में… Read More

6 months ago

वाईब्रेंट विलेज नमग्या पहुंचे राज्यपाल, स्थानीय संस्कृति एवं आतिथ्य की सराहना की

राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के तहत किन्नौर जिला के सीमावर्ती… Read More

8 months ago

दुग्ध उत्पादकों के लिए जुमलेबाज ही साबित हुई सुक्खू सरकार

रामपुर। कांग्रेस ने चुनाव के दौरान 80 व 100 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से… Read More

11 months ago

खुलासाः मानव भारती विवि ने ही बनाई थीं हजारों फर्जी डिग्रियां

शिमला। मानव भारती निजी विश्वविद्यालय के नाम से जारी हुई फर्जी डिग्रियों में इसी विवि… Read More

11 months ago
Advertisement