देहरादून। विख्यात आसन कंजरवेशन रिजर्व में प्रवासी पक्षियों की चहचहाहट शांत होने लगी है। सर्दियों में हजारों किलोमीटर की दूरी तय कर यहां आने वाले पक्षियों ने अब तेजी से अपने मूल क्षेत्रों की ओर लौटना शुरू कर दिया है। अभी तक यहां से कुल सात प्रजातियां वापस लौट चुकी हैं, जिनमें दो विदेशी प्रजातियां शामिल हैं।
देहरादून के निकट आसन और यमुना नदियों के संगम से बनी झील सर्दियों में प्रवासी पक्षियों को बहुत आकर्षित करती हैं। हर वर्ष अक्तूबर- नवंबर माह में यहां प्रवासी पक्षियों का आना शुरू होता है तथा फरवरी- मार्च माह में जब मौसम में कुछ गरमाहट आ जाती है तो ये वापस लौटना शुरू हो जाते हैं। इस बार यहां 20 विदेशी प्रजातियों के पक्षी प्रवास पर पहुंचे थे। इनके अतिरिक्त बड़ी संख्या में स्थानीय प्रजातियों के पक्षी भी रहते हैं।
चकराता वन प्रभाग के वन बीट अधिकारी प्रदीप सक्सेना के अनुसार इस समय आसन नम भूमि में 800 के करीब परिंदे ही शेष बचे हैं। इनमें सबसे अधिक संख्या रुडी शेलडक की है। अप्रैल माह के अंत तक यहां गिने चुने पक्षी ही देखने को मिलेंगे।
आसन वेटलैंड कंजरवेशन रिजर्व पक्षी प्रेमियों के लिए स्वर्ग बन जाता है। इस दौरान रंग बिरेंगे आकर्षक परिंदों की चहचहाहच और अठखेलियों का आनंद उठाने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं।
प्रदीप सक्सेना ने बताया कि अभी तक सात प्रजातियों के पक्षी वापस लौट चुके हैं। इनमें फेरीजूनस पोचार्ड, ब्लैक विंग्ड स्किल्ड, गैडवाल, कॉमन किंगफिशर, इंडियन कोरमोरेंट प्रजाति के परिंदे पहले लौट गए थे। बीच में मौसम कुछ ठंडा होने पर परिंदों की प्रवास अवधि कुछ बढ़ी, लेकिन अब दिन का तापमान फिर बढऩे पर इरोशियन विजन व नार्दन पिनटेल्स भी मूल स्थानों को लौट गए हैं।
उन्होंने बताया कि इस समय वेटलैंड में जो प्रजातियां मौजूद हैं उनमें- इंडियन स्पॉट बिल्ड डक, ग्रे लेग गूज, रुडी शेलडक, टफ्ड डक, पर्पल स्वेप हेन, कॉमन मोरहेन, कॉमन कूट, रीवर लोपविंग, ब्लैक हेडेड गल, पलास फिश ईगल, इरोशियन मार्क हेरियर, लिटिल ग्रेबी, ग्रेट क्रेस्टेड ग्रेब, डारटर, लिटिल कोरमोरेंट, लिटिल इ ग्रेट, ग्रेट इ ग्रेट, ग्रे हेरोन, पर्पल हेरोन, व्हाइट थ्रोटेड किंगफिशर, पाइज्ड किंगफिशर, मैलार्ड, स्पॉट बिल्ड डक और कॉमन पोचार्ड शामिल हैं। इनका भी तेजी से प्रस्थान होने वाला है।
पिथौरागढ़ में नजर आया ब्लैक स्टोर्कः यूरोप के गर्म क्षेत्रों वाला पक्षी ब्लैक स्टोर्क पिथौरागढ़ में देखने आया है। एक संस्था विंग ने इस पक्षी की तस्वीर वहां कैमरे में कैद की है। संस्था के एक पदाधिकारी जगदीश भट्ट ने बताया कि ब्लैक स्टोर्क बहुत कम नजर आने वाला पक्षी है। यह जल पक्षी है, जो यूरोप के गर्म स्थलों पर पाया जाता है तथा प्रजनन के लिए अकसर भारत तक आता है। उन्होंने बताया कि यह पक्षी दक्षिण अफ्रीका और यूरोप से भारत आने के लिए 7000 किमी का समुद्री मार्ग पार करता है। इस पक्षी के पिथौरागढ़ में देखे जाने से पक्षी प्रेमी खुश हैं।