देहरादून। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने एक बार फिर से सार्वजनिक रूप से विवादित बयान देकर लोगों से शस्त्र उठाने का आह्वान किया है। उन्होंने क्षत्रिय कल्याण समिति के एक कार्यक्रम में कहा कि- “शास्त्र हमारे धर्म के मार्गदर्शक हैं, लेकिन धर्म और देश की रक्षा के लिए शस्त्र भी उतने ही जरूरी है, जितने कि शास्त्र। इसलिए हमारे एक हाथ में शास्त्र और दूसरे में शस्त्र होना चाहिए।”
पूर्व मुख्यमंत्री नकरौंदा में स्थित क्षत्रिय कल्याण समिति के नवनिर्मित सामुदायिक भवन के उद्घाटन के अवसर पर लोगो को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राष्ट्र और अपनी कौम के लिए हर व्यक्ति को आगे रहना चाहिए। जो समाज अपने देश और कौम की चिंता नहीं करता, उस समाज का पतन हो जाता है।
त्रिवेंद्र ने लोगों का आह्वान किया कि हमें अपने देश और कौम की रक्षा के लिए हमेशा सजग रहना होगा और अपने धर्म के कमजोर लोगों की मदद के लिए शस्त्र उठाने से भी गुरेज नहीं करना होगा।
उन्होंने यह भी कहा कि- “आज हम तमाम तरह के संगठन तो बना लेते हैं, लेकिन छोटी-छोटी चीजों को लेकर उनमें ऐसे मतभेद पैदा हो जाते हैं कि अंततः संगठन अकाल मृत्यु के कारण बन जाते हैं। इसलिए संस्थाओं और संगठनों का गठन तभी होना चाहिए जब हमारे पास कोई ठोस लक्ष्य हो और हम उस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए समर्पित होकर काम करने के लिए तैयार हों।”
उन्होंने क्षत्रिय कल्याण समिति के उन पदाधिकारियों को बधाई दी, जिन्होंने सामुदायिक भवन के निर्माण के लिए भूमि दान के साथ ही आर्थिक सहयोग भी किया है। पूर्व मुख्यमंत्री ने लोग का आह्वान किया कि आज हमारे सामने नई पीढ़ी को नशे से बचाने की चुनौती है। उन्होंने कहा कि हम सबको नौजवान पीढ़ी पर नजर रखनी होगी और नई पीढ़ी को नशा और दूसरी बुराइयों से दूर रखने के लिए हर संभव प्रयास करने होंगे।
इस अवसर पर डोईवाला के विधायक बृज भूषण गैरोला व पूर्व मंत्री शूरवीर सिंह सजवान सहित बड़ी संख्या में क्षत्रिय कल्याण समिति से जुड़े लोग मौजूद थे।