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हरिद्वार। पेंशन सत्यापन के बाद हरिद्वार जनपद में सामाजिक सुरक्षा के चार हजार से ज्यादा पेंशनर फर्जी पाए गए हैं। लेकिन दिलचस्प बात यह है कि प्रशासन ने इस मामले में तो कोई कार्रवाई नहीं की, बल्कि इसके विपरीत 12 जिंदा लोगों को मृत घोषित कर उनकी पेंशन बंद कर दी। यही नहीं गरीबों के लिए इंदिरा आवास योजना के तहत मिला तीन करोड़ रुपये का बजट खर्च ही नहीं किया गया।
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा संचालित योजनाओं को लेकर धार्मिक नगरी हरिद्वार में हुई बैठक में यह बातें सामने आईं। केंद्रीय मंत्री हरीश रावत की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में जनप्रतिनिधियों ने शिकायत की कि कई पात्र लोगों को पेंशन से वंचित कर दिया गया है, कई जिंदा लोगों को फाइलों में मृत बता दिया गया, जबकि चार हजार से ज्यादा फर्जी पेंशनरों के मामले में कोई कार्रवाई नहीं की जा रही।
समाज कल्याण अधिकारी ने बताया कि ऐसे करीब 12 मामले हैं, जिनमें मृत घोषित पेंशनरों को जिंदा बताया जा रहा है। इस पर डीएम ने मंगलवार तक फाइल प्रस्तुत करने को कहा। केंद्रीय मंत्री को बताया गया कि जनपद में 1.24 लाख लोगों के मनरेगा में जॉब कार्ड बनाए गए, जिनमें से आठ सौ परिवारों को सौ दिन का रोजगार दिया गया है।
सीडीओ वीएस धानिक ने बैठक में बताया कि इस वर्ष से इंदिरा आवास के लिए सत्तर हजार रुपए दिए जा रहे हैं। सरकार की ओर से इस मद में तीन करोड़ रुपये मिले, लेकिन गाइडलाइन में यह नहीं बताया गया कि धन किस हिसाब से देना है। इसलिए यह धनराशि खर्च ही नहीं की जा सकी है।
बैठक में विधायक सरबत करीम अंसारी, आदेश चौहान, फुरकान अहमद, जिला पंचायत अध्यक्ष अंजुम बेग, डीएम डॉ. निधि पांडेय, सीडीओ वीएस धानिक, परियोजना निदेशक केसी जोशी, डीडीओ एसएस शर्मा, सीएमओ डॉ. सुषमा गुप्ता आदि भी मौजूद थे।