हरिद्वार के निकट ज्वालापुर क्षेत्र में तांत्रिक के कहने पर एक किशोर की बलि देने प्रयास किया गया, लेकिन एक अन्य बालक की सूझबूझ से उसकी जान बच गई। खजाना मिलने के लालच में बलि देने का यह घृणित कार्य करने जा रहे कोई और नहीं बल्कि किशोर के दो चाचा और एक पड़ोसी ही थे। पुलिस ने दो अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि तांत्रिक सहित एक अन्य की तलाश की जा रही है। एसएसपी पुष्कर सिंह सैलाल का कहना है, ”आधुनिक युग में यह वास्तव में ही एक स्तब्ध कर देने वाली घटना है। दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
प्राप्त जानकारी के अनुसार ज्वालापुर क्षेत्र के तहत मोहल्ला कस्सावान में बुधवार मध्यरात्रि को महबूब नामक व्यक्ति के कमरे से किसी के रोने की आवाज सुनाई पड़ी। जिज्ञासावश पड़ोस के एक बालक ने सीढ़ी पर चढ़कर खिड़की से भीतर झांका और अंदर का नजारा देख कर हक्का-बक्का रह गया। भीतर महबूब के पंद्रह वर्षीय भतीजे आमिर पुत्र फारुख कुरैशी की बलि देने की तैयारियां चल रही थीं। फारुख इसी मकान की दूसरी मंजिल में परिवार के साथ रहता है। बालक ने तुरंत परिजनों को भीतर के नजारे की जानकारी दी, जिससे उन्हें मामला समझते देर नहीं लगी। थोड़ी ही देर में पूरे मोहल्ले में बात फैल गई और बड़ी संख्या में लोग वहां जुटने शुरू हो गए। भीड़ कमरे में घुसी तो अंदर का मंजर देख सबके होश उड़ गए। आंखें फटी की फटी रही गईं। कमरे के बीचों-बीच अढ़ाई फुट गहरा गड्ढा खोदा गया था और आमिर उसमें बेहोश पड़ा था। बलि देने के लिए तांत्रिक क्रिया के बाद उसे गड्ढे में उतारा गया था। मौके पर तेजधार वाली दरांती भी रखी थी। आस-पास पूजा-पाठ और तंत्र-मंत्र में काम आने वाली सामग्री व हड्डियों के टुकड़े रखे थे। आनन-फानन लोग आमिर को लेकर अस्पताल की ओर भागे और कुछ लोगों ने इसकी जानकारी पुलिस को दे दी। पुलिस के पहुंचने से पहले ही तांत्रिक और आमिर का एक चाचा अशलूब वहां से भाग खड़े हुए, जबकि दूसरा चाचा महबूब और उसके पड़ोसी नदीम को लोगों ने मौके पर ही पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया। बाद में पुलिस ने कमरे को सील कर दिया।
बच्चे के पिता फारूख की तहरीर पर पुलिस ने साजिश में शामिल लोगों के खिलाफ नरबलि के प्रयास का मुकदमा दर्ज किया है। तांत्रिक क्रिया में शामिल महबूब और नदीम को जेल भेज दिया गया है, जबकि फरार तांत्रिक और अशलूब की तलाश की जा रही है।
बताया जाता है कि तांत्रिक ने महबूब, अशलूब और नदीम से कहा था कि यदि वे किसी बच्चे की बलि देंगे तो उन्हें गढ़ा हुआ वेशकीमती खजाना मिलेगा। एसपी सिटी डा. योगेंद्र सिंह रावत ने बताया कि तांत्रिक रुड़की के रामपुर गांव का वासी है।
इस घटना की चहुं ओर निंदा हो रही है। लोग यह देख कर हैरान है कि आधुनिकता के इस दौर में भी समाज का एक हिस्सा अंधविश्वास की बेडिय़ों में इस कदर जकड़ा हुआ है।