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हिमाचल पर्यटन को इंटरनेशनल टूरिज्म कनक्लेव एंड ट्रैवल अवार्ड के प्रतिष्ठित पुरस्कार समारोह के दौरान ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने व पर्यटन गतिविधियों में विविधता लाने के लिए आरम्भ की गई योजना ‘हर गांव की कहानी’ के लिये 25वां पुरस्कार प्रदान किया गया। मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने यह पुरस्कार शुक्रवार को यहां प्रदान किया तथा प्रधान सचिव पर्यटन मनीषा नंदा और पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन विभाग के निदेशक डा. अरुण शर्मा ने विभाग की ओर से इसे ग्रहण किया।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि राज्य 20 वर्षों की समयावधि के लिए पर्यटन मास्टर प्लान तैयार करने पर विचार कर रहा है। राज्य में पर्यटन सम्बन्धित अधोसंरचना सुविधा विकसित करने के लिए निजी क्षेत्र को प्रोत्साहित किया जा रहा है, जो पारिस्थितिकीय व पर्यावरण के अनुकूल हो। उन्होंने कहा कि मुख्य उद्देश्य पर्यटन में नई धारणा विकसित कर स्थानीय युवाओं को रोजगार व स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध करवाना होगा। पर्यटन का राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में 9.57 प्रतिशत का योगदान है और वर्ष 2011 में 1.5 करोड़ पर्यटकों ने प्रदेश का भ्रमण किया, जिनमें 4.85 लाख विदेशी पर्यटक भी शामिल हैं, जो देश भर में सर्वाधिक है। उन्होंने कहा कि उच्च आय वाले पर्यटकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए तेजी से अधोसंरचना विकसित करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
प्रो. धूमल ने कहा कि राज्य में हवाई अड्डे के विकास के लिए भूमि चयन की प्रक्रिया जारी है और इस क्षेत्र में निजी क्षेत्र को भी निवेश के लिए आमंत्रित किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य में 60 हेलीपैड का नेटवर्क है, जो अधिकतर ग्रामीण व जनजातीय क्षेत्रों में है। यह उच्च क्षमता वाले पर्यटकों की जरूरतों को पूरा करने में सक्षम है। राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में गोल्फ कोर्स, मनोरंजन पार्क, फिल्म सिटी, रज्जू मार्गों को विकसित करने के लिए निजी पार्टियों को भी आमंत्रित करना प्रस्तावित है। उन्होंने कहा कि रज्जू मार्गों को पांच वर्षों और जनजातीय क्षेत्रों में होटलों को दस वर्षों के लिए कर से छूट दी गई है। ‘हर गांव की कहानी’ ग्रामीण पर्यटन को नई दिशा देने में सहायक बनी है और ‘होम स्टे योजना’ ने पर्यटकों को शहरी क्षेत्र से ग्रामीण क्षेत्रों की तरफ मोड़ा है। इस योजना के अन्तर्गत पंजीकृत सभी इकाइयों को कर से मुक्त रखा गया है। उनसे विद्युत व पानी के बिल भी घरेलू दरों पर लिये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने पर्यटन से सम्बन्धित विभिन्न क्षेत्रों के विजेताओं को भी पुरस्कार प्रदान किए।
केन्द्रिय पर्यटन सचिव आरएच ख्वाजा ने हिमाचल सरकार द्वारा राज्य को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए उठाए गए साहसिक कदम की सराहना करते हुये कहा कि इससे प्रदेश का प्राकृतिक सौंदर्य बढ़ा है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार आतिथ्य उद्योग के लिए और अधिक सहायता देने पर विचार करेगी। उन्होंने राज्य में करों के युक्तिकरण की आवश्यकता पर भी बल दिया जिससे राज्य में पर्यटन को और अधिक बढ़ावा मिल सके। उन्होंने आतिथ्य उद्योग से अपने सामुदायिक उत्तरदायित्व का सही प्रकार से निर्वहन करने की अपील की।
प्रधान सचिव पर्यटन मनीषा नंदा, ‘डोमेस्टिक टुअर आप्रेटरस एसोसिएशन ऑफ इंडिया’ के प्रधान सुभाष वर्मा और क्रिएटिव माइंडस के प्रबन्धक निदेशक अजय गुप्ता ने भी इस अवसर पर अपने विचार रखे।
गुजरात सरकार के प्रधान पर्यटन सचिव विपुल मित्रा, भारतीय रेलवे के मण्डलीय क्षेत्रीय प्रबन्धक अश्विनी लोहमी, उपायुक्त ओंकार शर्मा, हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के प्रबन्ध निदेशक लोकेन्दर चौहान, चीन, कोरिया, मॉरिशिस व अन्य एशियाई देशों और देश के विभिन्न राज्य के प्रतिनिधियों ने भी पुरस्कार समारोह में भाग लिया।