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बिलासपुर (बरमाणा)। मंडी व बिलासपुर जिलों की सीमा पर सतलुज नदी पर राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम लिमिटेड (एनटीपीसी) की 800 मैगावाट क्षमता की कोलडैम जल विद्युत परियोजना बन कर तैयार हो गई है और अब इसके डैम में जलभराव की तैयारियां चल रही हैं। एनटीपीसी के परियोजना निदेशक एससी पांडे और क्षेत्रीय कार्यकारी निदेशक वीके गुप्ता ने बुधवार को परियोजना का निरीक्षण कर इसके निर्माण पर संतुष्टि व्यक्त की और कहा कि शीघ्र ही मुख्य बांध में जलभराव शुरू कर दिया जाएगा। बांध पूरा भर जाने के बाद परियोजना में विद्युत उत्पादन शुरू कर दिया जाएगा। बताया जाता है कि एनटीपीसी ने इस संबंध में केंद्रीय जल बोर्ड, केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय, बीबीएमबी प्रबंधन और प्रदेश सरकार को भी अवगत करवा दिया है।
उल्लेखनीय है कि कोल बांध जल विद्युत परियोजना के लिए एनटीपीसी ने प्रदेश सरकार और बिजली बोर्ड के साथ फरवरी 2000 में त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे। परियोजना को तकनीकी स्वीकृति जून 2000 में मिली थी। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने नवंबर 2000 में वन भूमि एनटीपीसी के नाम हस्तांतरित करने की स्वीकृति दी थी। निर्माण कार्य दिसंबर 2003 में शुरू हुआ था और अप्रैल 2009 में विद्युत उत्पादन शुरू करने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन विभिन्न तकनीकी कारणों से परियोजना के निर्माण में करीब पांच वर्ष का विलंब हुआ है।
करीब 5640 करोड़ रुपये की लागत से बनी इस परियोजना में सालाना 3054 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन होगा। प्रदेश को कुल उत्पादन का 29.15 प्रतिशत हिस्सा मिलेगा, जिसमें 12 प्रतिशत मुफ्त, 15 प्रतिशत बस बार टैरिफ और 2.75 प्रतिशत ग्रिड आवंटन पर मिलेगा। इससे प्रदेश के राजस्व में हर माह करोड़ों रुपये का इजाफा होगा, जो प्रदेश को आर्थिक संकट से उबारने में काफी मददगार साबित होगा।
एनटीपीसी कोल बांध के सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी प्रवीण भारती ने निदेशक प्रोजेक्ट व क्षेत्रीय कार्यकारी निदेशक द्वारा बुधवार को प्रोजेक्ट स्थल का दौरा करने की पुष्टि करते हुए बताया कि तैयारियों से संतुष्ट होकर दोनों उच्च अधिकारियों ने मुख्य बांध में जलभराव शुरू करने की अनुमति प्रदान कर दी है। शीघ्र ही जल भराव शुरू कर दिया जाएगा।