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उत्तरकाशी। उत्तरकाशी के लोग इन दिनों बादलों की गडग़ड़ाहट से भी सहम जा रहे हैं। शनिवार की शाम हुई जोरदार बारिश ने उन्हें एक बार फिर खौफ के साए में ला दिया। पूरी रात हुई बारिश ने तटवर्ती बस्तियों को तो सोने ही नहीं दिया। लोग रात भर नदी की थाह लेते रहे। उन्हें डर लगा रहा कि कहीं बाढ़ उन्हें फिर अपनी चपेट में न ले ले।
उत्तरकाशी वालों के लिए तीन अगस्त के बाद बीते दो हफ्ते तो सामान्य बीते, लेकिन शनिवार की शाम हुई बारिश ने चिंताएं बढ़ा दीं। पहले करीब एक घंटे तक मूसलाधार बारिश हुई। उसके बाद बारिश धीमी हुई, लेकिन रुकी नहीं। गंगोरी, उजेली, तिलोथ, मुख्य बाजार और जोशियाड़ा इलाकों में बड़ी तादाद में लोग रात दस बजे के बाद छाते लेकर घरों से नदी के तटों की ओर निकले। गंगोरी में गंगोत्री हाईवे, मुख्य बाजार में केदारघाट, जड़भरत घाट और मणिकर्णिका घाट और जोशियाड़ा में मोटर पुल के आस पास काफी तादाद में लोग एकत्र हो गए। डरे सहमे लोग पूरी रात नदी के शोर को सुनते रहे और लहरों पर नजर रखे रहे। रविवार की सुबह तक बारिश के साथ यह सिलसिला जारी रहा। बारिश बंद होने पर और अधिक लोग नदी के तटों पर लहरों का रुख देखने पहुंच गए।
उत्तरकाशी में नदी किनारे बसी बस्तियों में पहले ही बाढ़ के कारण भारी तबाही मच चुकी है। मॉनसून अंतिम समय में जोर पकडऩे लगा है, जिससे यहां तटवर्ती क्षेत्रों में रहने वालों की रातों की नींद फिर से हराम हो गई है।