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धर्मशाला। तिब्बती शरणार्थियों ने अवैध कब्जों के लिए कांगड़ा जिला में फिर से पांव पसारने शुरू कर दिए हैं। वन विभाग ने मैकलोडगंज में तिब्बतियों के 12 नए अवैध कब्जों का पर्दाफाश किया है और इसे लेकर कोर्ट में भी चालान पेश कर दिए हैं। प्रशासन धर्मशाला और मैकलोडगंज में तिब्बतियों के अवैध कब्जों और बेनामी संपत्तियों के पहले ही 210 मामलों की पहचान कर चुका हैं। इनमें कुछ मामले डीएफओ कोर्ट और कुछ सिविल कोर्ट में चल रहे हैं। इनमें अब 12 नए मामले शामिल हो गए हैं।
हाईकोर्ट के आदेशों पर हुई ताजा जांच में जिला कांगड़ा में अन्य व्यक्तियों द्वारा किए अवैध कब्जों के भी 7 बड़े मामले सामने आए हैं। इन लोगों ने 10 बीघा से ज्यादा सरकारी भूमि पर कब्जा किया हुआ है। इनमें से 6 मामले नूूरपुर डिवीजन तथा एक मामला पालमपुर डिवीजन का है। वन विभाग ने इन सभी मामलों में भी अभियुक्तों के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश कर दिए हैं। इसके अलावा कांगड़ा जिला में अब तक 240 हेक्टेयर वन भूमि पर अवैध कब्जों में 1090 चालान कटे हैं, जिनमें से 32 मामले इस समय कोर्ट में चल रहे हैं। हाल ही में हाईकोर्ट ने वन विभाग को वन भूमि पर अवैध कब्जा करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाने के निर्देश दिए हैं। इसी के चलते विभाग ने इस मामले में सख्ती शुरू कर दी है।
वन सर्कल धर्मशाला के कंजरवेटर अमिताभ गौतम का कहना है कि सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वन भूमि पर अवैध कब्जा करने वालों के चालान कोर्ट में पेश किए जा रहे हैं। 10 बीघा से ज्यादा अवैध कब्जों के मामले सिविल कोर्ट में पेश किए जाएंगे, जबकि इससे कम भूमि के मामले डीएफओ कोर्ट में पेश किए जाएंगे।