बद्दी। औद्योगिक क्षेत्र बद्दी के पास किशनपुरा में शनिवार दोपहर दो अलग घटनाओं में 200 के
शनिवार दोपहर 12 बजे के करीब पहले तो गुरूमाजरा में स्थित झुग्गियों में आग लगी, जिसमें 60 के करीब झुग्गियां कुछ ही क्षणों में राख में तबदील हो गईं। यहां लगभग 6 लाख रूपये की संपत्ति का नुकसान आंका गया है। उसके बाद करीब पौने तीन बजे किशनपुरा में माजा हैल्थकेयर उद्योग के सामने स्थित झुग्गियों में भी अचानक आग लग गई और देखते ही देखते 150 के करीब झुग्गियां जल कर राख हो गईं। इस अग्निकांड में लाखों रुपये की संपत्ति के नुकसान के साथ एक छोटा बच्ची पूजा पुत्री वकील गांव बढ़ापुर पटना (बिहार) भी जिंदा जल गई। एक छोटे बच्चे के झुलस कर घायल होने की भी सूचना है, जिसे तुरंत उपचार के लिए अस्पताल भेज दिया गया। बच्ची के पिता वकील ने बताया कि पूजा झोंपड़ी में सो रही थी और उसकी मां पानी लेने गई हुई थी कि उसी समय झोंपड़ियों में आग लग गई।
अग्निशन अधिकारी सुदर्शन गौड़ ने बताया कि गुरूमाजरा में आग पर काबू पाने के लिए बद्दी से पानी की दो गाडिय़ां व नालागढ़ से एक गाड़ी भेजी गई। किशनपुरा के लिए भी नालागढ़ से पानी की दो गाडिय़ां और नालागढ़ से एक गाड़ी भेजी गई थी, लेकिन झुग्गियां घासफूस की बनी होने के कारण उन्हें नहीं बचाया जा सका। आग के कारणों का अभी पता नहीं चल सका है।
एसपी बद्दी अरूल कुमार ने मीडिया को बताया कि जिसकी जमीन पर उक्त झोंपडियां बनी हुई थीं, उसके खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी गई है। एसडीएम नालागढ़ ललित जैन ने घटना स्थल पर पहुंच कर मृतक बच्ची के परिजनों को पांच हजार रुपये फौरी राहत के रूप में प्रदान किए। इसके अतिरिक्त राशन के लिए प्रति झोंपड़ी पांच सौ रुपये की भी सहायता बांटी। उन्होंने यह भी बताया कि सोमवार को नालागढ़ में प्रशानिक अधिकारियों की बैठक बुलाई गई है, जिसमें यहां निजी जमीनों पर झुग्गी-झोपडिय़ां बनाने वालों की जवाबदारी तय की जाएगी। इसके अतिरिक्त सरकारी जमीनों से झुग्गी-झोपडिय़ों को तुरंत हटा दिया जाएगा।
झुग्गियों में रहने वालों की जिंदगी नहीं सुरक्षितः बद्दी। औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन में झुग्गियों में रहने वाले प्रवासी कामगारों की जिंदगी सुरक्षित नही है। यहां झुग्गियां में अब तक हुए दर्जनों आग्निकांडों में कई अनमोल जानें जा चुकी हैं, लेकिन प्रशासन ने आज तक इससे कोई सीख नहीं ली। क्षेत्र में पिछले दो दिनों में ही आग की यह चौथी घटना है। इससे पहले नालागढ़ में एक उद्योग व काठा में शुक्रवार को 70 झुग्गियां आग की भेंट चढ़ गए। बीबीएन क्षेत्र में पिछले कुछ समय से आग की घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि हुई है।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2003 में प्रदेश को मिले औद्योगिक पैकेज के बाद बीबीएन क्षेत्र में भारी संख्या में प्रवासी मजदूर पहुंचे थे। यहां मजदूरों के रहने के लिए कोई भी व्यवस्था नहीं होने के कारण बड़ी संख्या में कामगार खाली जमीन पर झुग्गियां बनाकर रह रहे हैं। स्थानीय लोगों ने भी अपनी खाली भूमि इन्हें झुग्गियां बनाने के लिए किराये पर दे रखी हैं। लेकिन प्रशासन की ओर से मजदूरों के लिए कोई सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई गईं। उद्योगों की रीढ़ माने जाने वाले यह मजदूर सरकारी उपेक्षा के चलते आज एक तरह से आग के ढेर पर बैठे हुए हैं।