टिहरी गढ़वाल (घनसाली)। उत्तराखंड में मनरेगा योजना दम तोड़ने लगी है। श्रमिकों से करोड़ों रूपये का काम तो करवा
भिलंगना प्रखंड की 186 ग्राम पंचायतों में विकासखंड की ओर से मनरेगा योजना के तहत एक वर्ष पूर्व सम्पर्क मार्ग, चेकडैम, वनीकरण, नहर, सुरक्षा दीवार, पेयजल स्रोत्रों का सुधारीकरण आदि कार्य करवा कर ग्रामीणों को रोजगार दिया गया था। एक वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बाद भी ग्रामीण श्रमिकों का साढे़ चार करोड़ रुपये का भुगतान नहीं हो पाया है, जिससे ग्रामीणों में भारी रोष है।
ग्रामीण श्रमिकों- भगवान देई, रामसिंह, कलम सिंह, सोहन लाल, शशि देवी, रामप्यारी देवी आदि ने बताया कि वे पिछले एक वर्ष से भुगतान के लिए अधिकारियों के पास चक्कर काट रहे हैं, लेकिन कहीं से भी संतोषजनक जवाब नहीं मिल रहा। ग्रामीणों ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र ही भुगतान नहीं किया गया तो वे ब्लाक मुख्यालय पर धरना- प्रदर्शन शुरू कर देंगे और साथ ही अदालत का द्वार भी खटखटाएंगे।
उधर, मनरेगा कार्यक्रम अधिकारी करण जीत सिंह अरोड़ा ने भी स्वीकार किया है कि मनरेगा योजना के तहत पिछले वर्ष में विकास खण्ड में साढ़े चार करोड़ रुपये के विकास कार्य करवाये गये हैं। उन्होंने कहा कि धन की कमी के कारण श्रमिकों का भुगतान नहीं हो पाया है।
भिलंगना विकास खण्ड तो एक उदाहरण मात्र है। वास्तव में पूरे प्रदेश में ही मनरेगा योजना दम तोड़ने के कगार पर पहुंच गई है। मनरेगा अधिनियम की भावनाओं के अनुरूप ग्रामीणों को कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है। इस मामले में सरकारी उदासीनता के परिणामस्वरूप योजना में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार की शिकायतें भी मिल रही हैं।
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