Reports and analysis based on folk culture and life philosophy of Himachal Pradesh, Uttarakhand and other adjoining hill states.
भरमौर (चंबा)। बाजार में ऊन की बढ़ती मांग से चंबा जिला के भेड़ पालकों को कुछ राहत मिली है। पिछले कई वर्षों से भेड़ पालकों को ऊन के उचित दाम नहीं मिल पा रहे थे और ऊन बेचने के लिए वे हिमाचल प्र... Read more
देहरादून। शीतकाल के लिए उत्तराखंड के चारों धामों के कपाट बंद होने की तिथि घोषित कर दी गई है। बदरीनाथ के कपाट 18 नवंबर, केदारनाथ और यमुनोत्री के कपाट पांच नवंबर और गंगोत्री के कपाट चार नवंबर... Read more
बागेश्वर। उत्तराखंड के पहाड़ों में इसे एक सकारात्मक बदलाव का संकेत माना जा सकता हैं। यहां पहाड़ीजन अभी तक जो मंदिरों में पशुबलि जारी रखने के लिए अमादा थे, अब धीरे-धीरे इस कुप्रथा को त्यागने... Read more
अल्मोड़ा । पहाड़ी संस्कृति में देव आस्था का बहुत महत्व है। कठिन दौर में या कहें कि जब कोई समस्या बहुत विकट हो जाती है तो पहाड़ी लोग समाधान के लिए देवी देवताओं के शरण में चले जाते हैं। अल्मोड... Read more
मंडी। हिमाचल प्रदेश के पहाड़ों में देवी, देवताओं व डायनों आदि के अनेक दिलचस्प प्रसंग वर्ष भर चलते रहते हैं। प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में मान्यता है कि यहां विशेष अवसरों पर देवी-देवताओं के... Read more
हरिद्वार। विवादित संत राधे मां का जादू फिर चल निकला है। महामंडलेश्वर बनने के बावजूद प्रयाग कुंभ में स्नान नहीं कर पाईं राधे मां अब नासिक और उज्जैन के कुंभ मेलों में स्नान करेंगी। उनकी शाही स... Read more
देहरादून (गोपेश्वर)। पहाड़ी संस्कृति में जल, जंगल और जमीन को हमेशा से भगवान का दर्जा देते हुए पूजा गया है। पहाड़ी लोग प्रकृति से अपनी जरूरत के लिए यदि कुछ लेते हैं तो उसका अहसान मानते हुए उस... Read more
देहरादून (साहिया)। जौनसार के गांवों में 13 दिसंबर से मनाई जाने वाली पांच दिवसीय बूढ़ी दिवाली के लिए तैयारियां जोरों से शुरू हो गई है और इसके लिए तैयार किए जा रहे विशेष व्यंजन चिवड़ा खुशबू हर... Read more