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सुबह- सुबह मन काफी उदास था। आखिर ऐसा हो भी तो क्यों नहीं, रात भर सपने में अपने गांव के घर को जो देखा था… हरे-भरे पहाड़ को जो देखा था… फलों से लदे आड़ू, माल्टा और अखरोट के पेड़ों... Read more
हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में हाल ही में मुझे NSD द्वारा आयोजित 20 दिवसीय थियेटर कार्यशाला में कैंप डायरेक्टर के रूप में काम करने का मौका मिला। साथ में NSD के तीन फैकल्टी मैंबर भी थे। हमारे... Read more
बुजुर्ग हाथ जोड़कर बोले- “मंत्री जी, मुझे डीओ लैटर नहीं चाहिए, मुझे पानी का नलका लगाना है। डीओ लैटर तो मेरे पास पहले से दो पड़े हुए हैं। ये मेरे किस काम के?” बुजुर्ग ने थैले से दो पुराने डीओ... Read more
एकाएक सराज का नाम चमक उठा है। जब ये अचानक वाली चमक भी नहीं थी तब मेरे मन में आया था कि एक किताब लिखूंगा कभी….‘द स्टोरी ऑफ थ्री सराज’। टाइटल भी अंग्रेजी, क्योंकि वो हिंदी पर भारी है। खै... Read more
…एक बुजुर्ग मेरे दादा जी से मंड्याली में कह रहा था, “मियां जी, भला ग्वालुआं बगैर भी कदी डांगरे चरे ? राजशाही के अतिरिक्त कोई दूसरी शासन व्यवस्था भी हो सकती है, ये उस समय लोगों की कल्पन... Read more
बहुत समय से फ्री सेक्स पर लिखना टाल रहा था, लेकिन आज मेरे एक प्रिय लेखक ने फ्री सेक्स की मजाक उड़ाते हुए लिखा तो लगा कि अब इस पर अपनी समझ से टिप्पणी करी जाय। मैं फ्री सेक्स के पक्ष में हूं, फ... Read more
उत्तर भारत में इन दिनों महिलाओं की चोटियां कटने की खबरों का बाजार गर्म है। कुछ न्यूज चैनल तो इन्हीं खबरों में टीआरपी तलाश रहे हैं। ठीक उसी तरह जैसे कुछ वर्ष पूर्व न्यूज चैनलों के स्टूडियोज म... Read more
अस्मिता और पहचान की राजनीति की एक सीमा होती है। दलित अस्मिता, आदिवासी अस्मिता, अल्पसंख्यक अस्मिता आन्दोलन की जरुरत तो है, लेकिन इंसान को अस्मिता के अलावा भी बहुत कुछ चाहिए होता है। दलित, आदि... Read more