अल्मोड़ा। रिलायंस इंडस्ट्रीज की जियो मोबाइल कंपनी उत्तराखंड में सार्वजिक क्षेत्र की प्रमुख प्रतिद्वंद्वी बीएसएनएल को पछाड़ने के लिए इस कदर घटिया हथकंडे पर उतर आई है कि बीएसएनएल प्रबंधन और उपभोक्ता दोनों बहुत परेशान हैं। उल्लेखनीय है कि देशभर में ऐसे ही कारणों से बीएसएनएल इन दिनों घोर संकट में है। स्टाफ को वेतन देने में भी दिक्कतें आ रही हैं
कुमाऊं क्षेत्र के चार जिलों में जियो कंपनी बीएसएनएल की लाइनों को लगातार क्षति पहुंचा रही है और सरकार से भी इस मामले में कोई सहयोग नहीं मिल रहा है, जिस कारण बीएसएनएल प्रबंधन को अंततः उच्च न्यायालय की शरण लेनी पड़ रही है।
बीएसएनएल के महाप्रबंधक अनिल कुमार गुप्ता शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि जियो कंपनी जान बूझकर बीएसएनएल की लाइनों को नुकसान पहुंचा रही है, जिस कारण उपभोक्ताओं तक नेटवर्क बरकरार रखना मुश्किल हो रहा है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में जियो को कई बार नोटिस भी दिया गया, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। उन्होंने कहा कि प्रबंधन ने अब इस मामले में उच्च न्यायालय की शरण में जाने का फैसला लिया है।
अनिल कुमार गुप्ता ने बताया कि कुमाऊं के चार जनपदों में जियो कंपनी ने बीएसएनएल की लाइनों को सबसे अधिक नुकसान पहुंचाया है, जिस कारण वहां उपभोक्ताओं को सेवाएं देने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बीएसएनएल के राजस्व को भी इससे भारी नुकसान हो रहा है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में कुमाऊं के चार जनपदों में उपभोक्ताओं पर विभाग का 2.25 करोड़ रुपये का बकाया है। सही सेवाएं नहीं दे पाने के कारण बकाया राशि की उगाही भी प्रभावित हो रही है। उन्होंने सरकार से भी आग्रह किया है कि जियो कंपनी की इस मनमानी को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।