पिथौरागढ़। देवलथल (बाराबीसी क्षेत्र) में प्रशासन और सस्ते गल्ले के लिए पात्र गरीब परिवारों के मध्य अजीब
देवलथल क्षेत्र में सस्ता गल्ला की दुकानों पर दो माह का खाद्यान्न आया है। दो माह से राशन का इंतजार कर रहे ग्रामीण गेहूं खरीदने पहुंचे तो पाया कि वह इस कदर सड़ा हुआ था कि उसे मवेशी भी नहीं खा सकते। ग्रामीणों ने गेहूं लेने से इनकार कर दिया और कहा कि इस कोटे को वापस लेकर उनके लिए ठीक गेहूं की आपूर्ति की जाए। लेकिन प्रशासन दुकानों से गेहूं वापस लेने के लिए तैयार ही नहीं है और चाहता है कि ग्रामीण इसी को स्वीकार करे। इसी कशमकश में क्षेत्र में लगभग एक दर्जन सस्ता गल्ला की दुकानों में सड़ा हुआ गेहूं डंप है। इस झगड़े में कोटेदार भी परेशान हो गए हैं। उन्होंने भी प्रशासन से तत्काल इस गेहूं को वापस लेकर नया गेहूं उपलब्ध कराने की मांग की है।
पात्र गरीब परिवारों ने तो साफ कह दिया है कि वे भूखे मर जाएंगे, लेकिन यह सड़ा हुआ अनाज नहीं खाएंगे। क्षेत्र के संबंधित दुकानदारों- नरेंद्र सिंह, हरेंद्र सिंह, आनंद सिंह, श्याम सिंह, भरत सिंह, खिलानंद, रमेश चंद और रमेश प्रसाद आदि ने लिखित रूप से पूर्ति निरीक्षक बुंगाछीना को डंप पड़ा गेहूं वापस लेने की मांग की है। पूर्ति निरीक्षक का कहना है कि जब तक विभाग से गेहूं वापस लेने के आदेश नहीं मिल जाते, तब तक इसे वापस नहीं लिया जा सकता।
उधर, बाराबीसी उत्थान समिति ने प्रशासन को चेतावनी दे दी है कि कोटे की दुकानों से सड़ा गेहूं शीघ्र वापस नहीं लिया तो आंदोलन छेड़ दिया जाएगा। समिति के पदाधिकारियों ने इस संबंध में जिलाधिकारी से भी शिकायत की है।
पिथौरागढ़ के जिला पूर्ति अधिकारी एमके वर्मन से इस संबंध में बात की गई तो उनका कहना था कि विभाग इस गेहूं को भारतीय खाद्य निगम को वापस कर देगा। दुकानों में नए सिरे से गेहूं भेजा जाएगा।
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