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परिवार के 10 लोगों ने की सामुहिक आत्महत्या

उत्तराखंड में देहरादून के पास नहर में कूदकर एक ही परिवार के 10 लोगों ने सामूहिक आत्महत्या कर ली है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार ये सभी लोग मूल रूप से मुजफ्फरनगर के थे और देहरादून और आसपास के इलाकों में मेहनत-मजदूरी करके अपना पेट पालते थे।

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मंगलवार की सुबह इस घटना का पता चला जब यमुना पर बने शक्तिनहर के पास एक बूढ़ी महिला बेहोशी की हालत में मिली जिसके हाथ-पांव बंधे हुए थे। पुलिस ने छानबीन की तो ये पाया कि 10 लोगों ने यमुना में कूदकर जान दे दी है। इसमें तीन महिलाएं, छह बच्चे और एक पुरुष शामिल हैं। ये तीन महिलाएं उस बूढ़ी महिला की बेटियां थीं, पुरुष उस महिला का दामाद और सभी छह बच्चे उन तीन महिलाओं के थे।
इनमें से एक चार महीने का बच्चा भी था जिसे उसकी मां ने अपने शरीर से बांधकर नहर में छलांग लगाई थी।
बताया जा रहा है कि सोमवार शाम मनोज ही इन सबको समझा-बुझाकर अपने साथ ले गया था और देर रात उन्होंने एक साथ मौत को गले लगा लिया। पुलिस के अनुसार नहर के पास मिली बूढ़ी महिला अभी भी बेहोशी की हालत में है।
पुलिस ने छह बच्चों सहित तीन महिलाओं के शव ढकरानी पावर हाउस के पास से बरामद कर लिये हैं और पुरुष मनोज के शव की तलाश जारी है। घटना के बाद शक्ति नहर को बंद करवा दिया गया है।
घटनास्थल पर गये वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जी एन गोस्वामी ने कहा-प्रारंभिक जांच में ये आत्महत्या का मामला दिखता है हालांकि अन्य पहलुओं से भी जांच की जा रही है। नहर से जब एक-एक कर नौ शव निकाले गए तो वहां मौजूद लोग स्तब्ध होकर देख रहे थे और उनकी आंखों में आंसू थे।
घटनास्थल से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। हालांकि नींद की गोलियों के रैपर मिले हैं। इससे अंदेशा जाहिर किया जा रहा है कि शायद बच्चों को दवा देकर नींद और बेहोशी की हालत में नहर में फेंका गया होगा।
पुलिस के मुताबिक तीन महीने पहले इसी परिवार की एक जवान बेटी की बीमारी से मौत हो गई थी और उसके बाद से ही पूरा परिवार डिप्रेशन का शिकार था और अक्सर दुनिया छोड़ देने की बात करता था।
पुलिस इंस्पेक्टर एसएस बिष्ट ने बताया-परिवार में अब एक बहन बच गई है और उससे पूछताछ की तो उसने बताया कि आत्महत्या करने से पहले उसे फोन करके बताया गया था कि परिवार के ये सभी लोग नहर में कूदने जा रहे हैं।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि घटना के बाद रीटा नाम की ये महिला भी सदमे में है और जान देने की बात कर रही है। सामूहिक आत्महत्या की इस घटना का कारण वैसे तो डिप्रेशन बताया जा रहा है, लेकिन कहा जा रहा है कि आर्थिक तंगी भी बड़ी वजह हो सकती है। आसपास के लोगों का कहना है कि इतने बड़े परिवार का खर्च मुश्किल से चल पाता था। उनका कहना है कि तीन महीने पहले भी परिवार की जिस बेटी की मौत हुई थी तो उसके इलाज के लिये भी परिवार के पास पैसे नहीं थे।

हिम न्यूज़पोस्ट.कॉम

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