पिथौरागढ़। मूनाकोट क्षेत्र के लोगों ने इस बार झूठे वादे करने वाले नेताओं को सबक सिखाने की ठान ली है। ग्रामीण अपने क्षेत्र में न केवल चुनाव का बहिष्कार करेंगे, बल्कि दूसरे क्षेत्रों में भी ऐसे नेताओं के खिलाफ प्रचार करेंगे। ग्रामीणों की शिकायत अशोकनगर- बेलतड़ी वाहन योग्य सड़क को लेकर है, जिसे स्वीकृति तो 2004 में मिल गई थी, लेकिन काम अभी तक भी नहीं हुआ।
ग्रामीण अपनी मांगों को लेकर पिछले करीब तीन माह से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। लोगों ने चेतावनी दी है कि सरकार ने यदि तुरंत कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया तो जिला मुख्यालय में उग्र आंदोलन किया जाएगा। धरने पर बैठे ग्रामीण दयाकिशन भट्ट ने बताया कि सत्ता पार्टी के किसी भी प्रतिनिधि ने उनके धरने को लेकर कोई भी सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं दी है, जिस कारण ग्रामीणों में भारी रोष है।
गोविंद बल्लभ भट्ट, गोकुल कुमार, राजन राम, रवि कुमार, कमल कुमार, चंद्रबल्लभ आदि ने कहा कि सरकार के इस उपेक्षित रवैये के विरोध में क्षेत्र के करीब 12 हजार मतदाता न केवल आगामी विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे, बल्कि झूठे वादे करने वाले इन नेताओं के खिलाफ दूसरे क्षेत्रों में प्रचार भी करेंगे।
ग्रामीणों के अनुसार अशोकनगर- बेलतड़ी सड़क को वर्ष 2004 में स्वीकृति मिल चुकी थी। 10 किमी लंबी इस सड़क पर सौनगांव तक डामर हो चुका है। 4.50 किमी लंबी सड़क पर काफी कटिंग भी हो चुकी है, लेकिन भांटीगांव से बेलतड़ी तक का कार्य लंबे अरसे से रोका हुआ है। क्षेत्र के लोग सड़क निर्माण के लिए कई बार जनप्रतिनिधियों और प्रशासन से मिल चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही।
उन्होंने कहा कि सड़क न होने का सबसे अधिक खामियाजा गांव के बच्चों को उठाना पड़ रहा है। गरीब परिवारों के बच्चे आगे की पढ़ाई के लिए बाजार में किराये पर कमरा लेकर नहीं रह सकते और न ही रोज 6 से 10 किलोमीटर की यात्रा कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि बेलतड़ी गांव की निकिता भट्ट ने रोज छह किमी पैदल चढ़ाई चढ़ने के बाद बिलाई से इंटर किया। आगे की शिक्षा के लिए बाजार में कमरा किराए पर लेने की हिम्मत नहीं है। परिवार की परेशानियों को देखते हुए वह कॉलेज की पढ़ाई नहीं कर सकी।
पत्रकारों ने इस संबंध में डीएम डॉ. आशीष चौहान से बात की तो उन्होंने कहा कि अशोकनगर- बेलतड़ी मोटर मार्ग के लिए धरने पर बैठे आंदोलनकारियों से बातचीत के लिए लोनिवि के इंजीनियरों को गांव भेजा जा रहा है। वहां जाकर टीम सड़क की वास्तविक स्थिति का आकलन करेगी। उसके आधार पर ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।