शिमला। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्र के पुत्र आशीष मिश्रा द्वारा कथित रूप से किए गए किसानों के नरसंहार के विरोध में सोमवार को शिमला में वाम संगठनों ने रिज और मालरोड पर धारा 144 तोड़ते हुए उग्र प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री की बर्खास्तगी और उनके पुत्र की तुरंत गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे।
सीपीआई-एम, किसान सभा, सीटू, एसएफआई, जनवादी नौजवान सभा, जनवादी महिला समिति और दलित शोषण मुक्ति मंच के बड़ी संख्या में लोगों ने मालरोड और रिज मैदान पर प्रदर्शन किया। उसके बाद प्रदर्शनकारी पुलिस रिपोर्टिंग रूम के सामने धरने पर बैठ गए। प्रदर्शन में माकपा विधायक राकेश सिंघ, हिमाचल किसान सभा के नेता कुलदीप सिंह तंवर, ओंकार शाद, सीटू नेता विजेंद्र मेहरा, कपिल शर्मा, सत्यावान पुंडीर, बलवीर पराशर सहित बड़ी संख्या में लोग शामिल थे। बाद में उन्होंने गिरफ्तारियां भी दीं।
माकपा नेता राकेश सिंघा ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा सरकारें देश भर में किसानों के आंदोलन को कुचलने के लिए खुले आम हिटलरशाही नीतियां अपना रही हैं। नेतागण खुले आम जन से मारने की धमकियां देकर किसानों पर हमले किरा रहे हैं। लगातार हत्याएं की जा रही हैं। आजादी के बाद देश में पहले कभी ऐसा नहीं देखा गया।
उन्होंने कहा कि जनता को अब खुद फैसला करना होगा कि वे देश में संविधान का शासन चाहते हैं या तानाशाही का? क्या अपने लिए सुरक्षित माहौल चाहते हैं या ऐसी गुंडागर्दी जो भाजपा शासित यूपी और हरियाणा में देखने को मिल रही है?
राकेश सिंघा ने कहा कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा, जो सरेआम अपनी गुंडागर्दी की डींगे मारते हुए आंदोलनकारी किसानों को ललकारता है, को यदि केंद्र सरकार बर्खास्त नहीं करती है तो राष्ट्रपति को स्वयं आगे आकर उसे बर्खास्त करना चाहिए। अदालतें भी किसानों के इस नरसंहार पर शांत नहीं बैठ सकतीं।
राकेश सिंघा ने कहा कि भाजपा सरकार किसानों की हत्या का षड्यंत्र रच रही हैं। इसे संवैधानिक तरीके से यदि अभी नहीं रोका गया तो आने वाले समय में और अधिक खून खराबा देखने को मिलेगा। यह देश अन्नदाताओं का इस तरह सड़कों पर कत्लेआम नहीं देख सकता। सरकार को इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी।
उल्लेखनीय है कि आशीष मिश्रा पर आरोप है कि लखीमपुरी में रविवार को उनके नेतृत्व में आंदोलनकारी किसानों पर गाड़ियां चढ़ाकर और गोलियां चलाकर चार किसानों और एक पत्रकार की हत्या कर दी गई। प्रतिक्रिया में किसानों ने भी गाड़ियों में सवार चार लोगों को पीट-पीट कर मार डाला। पुलिस ने आशीष मिश्रा पर हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इस घटना में दर्जन भर लोग घायल बताए जा रहे हैं।