मंडी (पांगणा)। सरकार ने करसोग वन मंडल में वाटरशैड योजना के तहत ग्रामीणों से नर्सरी, पौधारोपण, चैकडैम आदि का काम तो करा लिया, लेकिन मजदूरी
वाटरशेड योजना के तहत करसोग वन मंडल की ग्राम पंचायत महोग, कुठेहड़, पोखी, सराहन, गवालपुर, तेबन, ठाकुरठाना, रिछणी और केलोधार में एक वर्ष पूर्व 200 हेक्टेयर भूमि पर पौधरोपण किया गया, 6 नर्सरियां और 832 चैक डैम व तालाब आदि बनाए गए। लेकिन करीब एक साल बीत जाने पर भी ग्रामीणों को इसकी मजदूरी नहीं दी। इससे ग्रामीणों में वन विभाग और सरकार के प्रति भारी रोष है।
स्थानीय वासी विजय कुमार, सुबाराम, भगत राम, सतपाल, ठाकुरदास, डागुराम, चरंजीलाल, ललित कुमार, मान दत्त, प्यारे लाल आदि ने बताया कि वन मंडल करसोग के तहत वन परिक्षेत्र सेरी, मगरू, करसोग में वाटर शैड योजना में विभाग ने सैकड़ों लोगों को लगा कर करोड़ों का काम तो करवा दिया, लेकिन अब बार-बार मांगने पर भी मजदूरी की अदायगी नहीं की जा रही।
करसोग वन मंडलाधिकारी आरके सिंह से इस संबंध में बात की गई तो उन्होंने भी स्वीकार किया कि ग्रामीणों की एक करोड़ 14 लाख के करीब देनदारी बकाया है। विभाग के उच्च अधिकारियों से बजट की मांग की गई। अभी तक इस बारे में कोई सूचना नहीं है कि योजना का पैसा कब तक आएगा।