नैनीताल। उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर चिंताजनक रूप से गिता जा रहा है। आठवीं कक्षा के विद्यार्थी भी यदि अपने
उप जिलाधिकारी (एडीएम) राकेश तिवारी और तहसीलदार भुवन चंद्र कांडपाल ने गत दिवस धारी ब्लॉक के कई स्कूलों का निरीक्षण किया। वहां पढ़ाई का जो स्तर सामने आया, उसे देख कर उन्होंने अपना माथा पीट लिया। एसडीएम तिवारी ने मीडिया को बताया कि पूर्व माध्यमिक कन्या विद्यालय गुनी गांव में कक्षा आठ के विद्यार्थियों से स्कूल का नाम लिखने को कहा तो कक्षा का कोई भी विद्यार्थी सही-सही नाम नहीं लिख पाया, जबकि इस विद्यालय में 20 विद्यार्थियों पर चार शिक्षक हैं।
उन्होंने बताया कि प्राथमिक विद्यालय मटियाल और आंगनबाड़ी केंद्र में भी शैक्षिक स्तर में काफी कमी पाई गई। इस बीच, तहसीलदार कांडपाल ने प्राथमिक विद्यालय धानाचूली का निरीक्षण किया तो वहां शैक्षिक स्तर में काफी गिरावट देखने को मिली। फिलहाल दोनों प्रशासनिक अधिकारियों ने निरीक्षण में पाए गए शिक्षा के गिरते स्तर की रिपोर्ट सरकार और उच्चाधिकारियों को भेज दी है।
उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों शिक्षा व्यवस्था बुरी तरह चरमराई हुई है, जिस कारण लोगों ने भी इन स्कूलों से अपने बच्चों का स्कूल छुड़वाकर उन्हें प्राइवेट स्कूलों में भेजना शुरू कर दिया है। इसी कारण राज्य में सैकड़ों सरकारी स्कूल बंद होने की कगार पर पहुंच गए हैं। बड़ी संख्या में स्कूल शिक्षकों के अभाव में सफेद हाथी बने हुए हैं, लेकिन जब ऐसे स्कूलों जहां पर्याप्त शिक्षक मौजूद हैं, वहां भी शैक्षिक स्तर निम्नतम स्तर तक पहुंच गया हो तो किसी को भी हैरानी हो सकती है।
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