देहरादून। उत्तराखंड में कांग्रेस सरकार क्या मुंह लेकर से जनता के बीच चुनाव प्रचार के लिए जाएगी, समझ नहीं आ रहा। हरीश रावत सरकार के अब तक के कार्यकाल में तो जो हुआ, सो हुआ, लेकिन यहां तो चुनावी वर्ष में भी आम जनता की पीड़ा पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। वर्षों से सामाजिक सुरक्षा पेंशन नहीं बंटी, विभिन्न विभागों में कई- कई माह से कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला है। कमगारों को मजदूरी के लिए तरसना पड़ रहा है। पीड़ित लोग जगह- जगह धरना प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन सरकार को तो जैसे इसकी कोई परवाह नहीं है।
दो वर्षों से नहीं मिली पेंशनः उत्तरकाशी और अल्मोड़ा जिलों के कुछ क्षेत्रों में पिछले दो वर्षों से ना सामाजिक सुरक्षा पेंशन वितरित हो रही है और न ही लोगों के राशन कार्ड ही बनाए गए हैं। लोग धरना प्रदर्शन कर रहे हैं और उन्होंने 14 दिसंबर से आमरण अनशन की भी चेतावनी दे दी है। अल्मोड़ा जनपद के बग्वालीपोखर में तो अब महिलाएं भी खुल कर आंदोलन में कूद पड़ी हैं। अभी वहां क्रमिक अनशन चल रह है। अनशनकारी भूपाल भंडारी ने मीडिया को बताया कि इस विकासखंड के हजारों लोग अभी तक राशन कार्ड से वंचित हैं, जिसके चलते उन्हें सस्ता राशन नहीं मिल पा रहा। गरीब परिवारों के सम्मुख तो भूखों मरने की नौबत आ चुकी है। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार क्षेत्र में पिछले दो वर्षों से वृद्धा, विधवा, दिव्यांग आदि पेंशन भी पात्र लोगों को नहीं मिली हैं। पीड़ितों के पास अब आमरण अनशन के सिवा कोई चारा ही शेष नहीं बचा है।
ग्रामीणों को मजदूरी देना भूला वन विभागः उत्तरकाशी जिले के मोरी ब्लॉक में वन विभाग ने गत मई माह में सुपीन नदी पर एक पुलिया का निर्माण गांव के करीब 18 लोगों को मजदूरी पर लगा कर किया था। सटूड़ी गांव के प्रधान ज्ञान सिंह के अनुसार जुलाई में पुलिया बन कर तैयार हो गई, लेकिन ग्रामीणों को आज तक मजदूरी नहीं मिली। उन्होंने बताया कि ग्रामीण मजदूर पुरोला में उप निदेशक कार्यालय के चक्कर काटते- काटते थक गए हैं, लेकिन मजदूरी का भुगतान नहीं हुआ।
दस माह से नहीं मिला वेतनः उत्तरकाशी जिले में लोक निर्माण विभाग में आउटसोर्सिंग बेलदार व मेट पदों पर कार्यरत मजदूरों को पिछले दस माह से वेतन नहीं मिला है, जिस कारण पीड़ितों के घरों में फाकाकशी की नौबत आ गई है। दिहाड़ीदार श्रमिक संघ के अध्यक्ष सुभाष ने बताया कि इस संबंध में डीएम को ज्ञापन भी दिया गया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। उन्होंने कहा कि सात दिनों में यदि वेतन नहीं मिला तो वे भूख हड़ताल शुरू कर देंगे।
पांच माह से वेतन को भटक रहा कर्मचारीः रुद्रप्रयाग जिले के तहत गढ़वाल मंडल विकास निगम में तैनात क सफाई कर्मी पिछले पांच महीने से वेतन के लिए भटक रहा है। निगम के जखोली में स्थित अतिथि गृह में सफाई कर्मी मामचंद ने बताया कि पांच महीने से उसे वेतन नहीं मिला है। देहरादून में उच्चाधिकारियों से भी कई बार पत्राचार कर शिकायत की गई, लेकिन कोई परिणाम नहीं निकला। जखोली जीएमवीएन के अतिथि गृह प्रबंधक अनंत नौटियाल से इस संबंध में बात की गई तो उनका कहना था कि उच्चाधिकारियों को इसके बारे में अवगत करा दिया गया है।