पौड़ी। पौड़ी गढ़वाल जिले में तीन सौ गांवों को जैविक कृषि के अधीन लाने के लिए एक वृहद परियोजना पर काम
विभागीय सूत्रों के अनुसार इसके लिए आरंभ में 300 स्वयं सहायता समूहों का गठन कर उन्हें जैविक खेती के बारे में प्रशिक्षित किया जाएगा। ये समूह बाद में ग्रामीणों को इसके लिए प्रोत्साहित करेंगे।
पौड़ी के मुख्य कृषि अधिकारी सुरेश चंद्र ने मीडिया को बताया कि चयनित गांवों में इस परियोजना के तहत जैविक खाद बनाने के लिए 1600 वर्मी कंपोस्ट, 1200 नाडेप वर्मी कंपोस्ट पिट, 110 वर्मी कल्चर सेंटर, 110 तरल पिटों के निर्माण के लिए 50 फीसदी अनुदान दिया जाएगा। इन गांवों में 2500 हेक्टेयर कृषि भूमि का जैविक प्रमाणीकरण कर किसानों को प्रमाणपत्र दिए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि जैविक खाद तैयार होने के बाद चयनित गांवों में मसालों और दालों की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। शुरूआती चरण में 20 हेक्टेयर जमीन में मसाले और 20 हेक्टेयर में दलहन की जैविक खेती कराई जाएगी।
सुरेश चंद्र का कहना है कि जैविक उत्पादों की मांग बाजार में तेजी से बढ़ती जा रही है। इसे देखते हुए ही सरकार ने इस परियोजना को स्वीकृत किया गया है। इससे चयनित गांवों में काश्तकारी को नई दिशा मिलेगी और यह किसानों के लिए बहुत लाभकारी साबित होगी।
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