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स्वास्थ्य मंत्री के गृह क्षेत्र की सेहत डावांडोल

मंडी (गोहर)। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री कौलसिंह ठाकुर के गृह जिला मंडी में भी स्वास्थ्य व्यवस्था डावांडोल है।

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चिकित्सकों एवं पैरा मेडिकल स्टाफ के बड़ी संख्या में पद वर्षों से रिक्त पड़े हैं। अनेक आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्र तो मात्र चपरासियों के सहारे चल रहे हैं। ग्रामीण जनता उपचार के लिए नीम- हकीमों और ओझाओं पर निर्भर होकर रह गई है।

मंडी जिला के गोहर उपमंडल को ही लें तो यहां आधे से अधिक आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्रों में पिछले कई वर्षों से चिकित्सक नहीं हैं। उपमंडल के ग्रामीण क्षेत्रों में वैसे तो 29 आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्र खोले गए हैं, लेकिन 16 केंद्रों में कई वर्षों से चिकित्सकों के पद रिक्त पड़े हैं। ये केंद्र जैसे तैसे फार्मासिस्ट या फिर एएनएम के सहारे चल रहे हैं। क्षेत्र के बेलीधर, गतु, कुटाहची, सोमनाचन, गुरैण, घन्यार, थानाकुठेहड़, लंबाथाच, भाटकीधार, बसी, बागाचनोगी, जरोल, सेगली, स्यांज व डडोह ऐसे स्थान हैं, जहां पर घनी आबादी जीवनयापन करती है। कुछ बीमारियां ऐसी हैं, जिनका उपचार आयुर्वेद द्वारा ही संभव है। लेकिन सरकार का ग्रामीणों के स्वास्थ्य की ओर कोई ध्यान नहीं है।

ग्रामीणों- बागाचनोगी के डोले राम, दुर्गा सिंह, मनोज कुमार, डेल राम व देवी राम, लंबाथाच के लतेश, मीना कुमारी, प्रदीप कुमार, डोला राम, चमन ठाकुर, हेम राज, पवन व कर्म सिंह, स्यांज के टेक सिंह, तिलकराज, दीवान भारद्वाज और धर्मपाल ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि चिकित्सकों के पद रिक्त पड़े होने के कारण ग्रामीणों को इलाज के लिए गोहर, पंडोह, मंडी या फिर सुंदरनगर जाना पड़ रहा है। सरकार उनकी ओर कोई ध्यान नहीं दे रही।

मंडी जिले में कुछ माह पूर्व ही हुए एक सर्वेक्षण में पाया गया था कि सुंदरनगर, सिराज और करसोग हलके में 13 आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्र तो ऐसे थे जहां सिर्फ चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ही तैनात थे।

चैलचौक स्थित आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी योगराज शर्मा ने भी स्वीकार किया है कि गोहर उपमंडल के 16 आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्रों में डाक्टरों तथा छह में पैरामेडिकल स्टाफ के पद रिक्त हैं। जिला आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजेंद्र पाल से इस संबंध में बात की गई तो उनका कहना था कि सरकार चिकित्सकों के नए पद सृजित करने जा रही है, जैसे ही नई नियुक्तियां होंगी, गोहर उपमंडल के स्वास्थ्य केंद्रों के लिए डॉक्टरों की व्यवस्था कर दी जाएगी।

लांगणा पीएचसी में छह माह से नहीं चिकित्सकः मंडी जिला में लडभड़ोल क्षेत्र के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लांगणा में पिछले छह माह से चिकित्सक का पद रिक्त पड़ा है। लोगों को उपचार के लिए जोगेंद्रनगर या धर्मपुर के चिकित्सालयों में जाना पड़ रहा है। यहां 35 लाख रुपये की लागत से निर्मित पीएचसी लागणा का भवन लोगों के लिए सफेद हाथी ही साबित हो रहा है। स्थानीय लोगों- गोपाल ठाकुर, मनसा राम, श्याम सिंह, राजेंद्र वर्मा, रमन शर्मा, सुरेंद्र कुमार और प्रताप शर्मा ने बताया कि ग्रामीण काफी समय से पीएचसी में चिकित्सक के लिए मांग उठा रहे थे, लेकिन नतीजा यह हुआ कि यहां जो एक फार्मासिस्ट सेवारत भी था उसे भी कहीं और बदल दिया गया है। लोगों का कहना था कि स्वास्थ्य मंत्री पता नहीं उनसे किस बात का बदला ले रहे हैं।

एच. आनंद शर्मा

H. Anand Sharma is active in journalism since 1988. During this period he worked in AIR Shimla, daily Punjab Kesari, Dainik Divya Himachal, daily Amar Ujala and a fortnightly magazine Janpaksh mail in various positions in field and desk. Since September 2011, he is operating himnewspost.com a news portal from Shimla (HP).

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