टिहरी गढ़वाल (घनसाली)। विकास खंड भिलंगना के तहत सीमांत गांव केपार्स में ग्राम प्रधान और ग्राम विकास अधिकारी ने मनरेगा के नाम पर पौने 13 लाख
केपार्स गांव के वासी गब्बर सिंह ने वर्ष 2011-12 में सूचना के अधिकार के तहत गांव में विकास कार्यों पर खर्च की गई धनराशि की जानकारी मांगी थी। पहले तो इसे लेकर प्रधान और ग्राम विकास अधिकारी (वीडीओ) उन्हें लगातार गुमराह करते रहे। लेकिन शिकायतकर्ता के जब न्यायालय में जाने की धमकी दी तो विभाग ने सूचना दे दी। इस सूचना में खुलासा हुआ है कि ग्राम प्रधान प्यार सिंह और ग्राम विकास अधिकारी बलवीर लाल ने मनरेगा के तहत गांव के विकास कार्यों के लिए फरवरी 2009 से अप्रैल 2012 तक विभिन्न मदों की धनराशि निकाल कर 12,80,612 रुपये का गबन किया है। शिकायतकर्ता ने राजस्व पुलिस में 12 जून 2013 को दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। इस पर कोई भी कार्रवाई नहीं होने पर गब्बर सिंह ने 28 जुलाई 2013 को यह मामला रेगुलर पुलिस में दर्ज कराया, लेकिन एक माह से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी अभियुक्तों के खिलाफ कोई कार्रवाही नहीं हो पाई है। आशंका व्यक्त की जा रही है कि यहां गांवों में इसी तरह बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है और इसमें कई बड़ी मछलियां भी शामिल हैं। माना जा रहा है कि इसी कारण सरकारी अमला इन दोनों के खिलाफ कार्रवाई करने से कतरा रहा है। शिकायतकर्ता ने मांग की है कि इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए।
घनसाली में उप जिलाधिकारी जगदीश लाल कहते हैं कि भ्रष्टाचार का यह मामला रेगुलर पुलिस को सौंपा गया है। इस पर शीघ्र कार्रवाई की जाएगी। घनसाली के थाना अध्यक्ष राजेंद्र सिंह रावत ने भी स्वीकार किया है कि प्रधान और वीडीओ के खिलाफ सरकारी धन को हड़पने के आरोप में मुकदमा दर्ज हुआ है। उनके खिलाफ जांच पूरी हो गई है। ग्राम प्रधान गायब चल रहा है, जिसके लिये पुलिस लगातार दबिश दे रही है, जबकि वीडीओ ने न्यायालय से स्टे लिया है।