नई टिहरी। टिहरी बांध विस्थापितों को 25 अक्तूबर 2012 के बाद आवंटित और परिवर्तित किए गए सभी 224 भूखंडों को सरकार ने निरस्त कर दिया है।
वास्तव में ऋषिकेश आमबाग में टीएचडीसी की भूमि विस्थापितों को आवंटित करने के मामले में टीएचडीसी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को इस मामले में सीबीआई जांच कराने को कहा था। हाईकोर्ट के आदेश के बाद हरकत में आई सरकार ने 26 अक्तूबर 2013 को पट्टों को निरस्त करते हुए मामले की जांच गढ़वाल मंडलायुक्त को सौंप दी थी, लेकिन अग्रिम आदेशों तक विवादित स्थल पर यथास्थिति बनाए रखे जाने के निर्देश भी दिए गए थे।
मंडलायुक्त की जांच रिपोर्ट आने के बाद 18 नवंबर को सचिव सिंचाई डा. अजय कुमार प्रद्योत ने आवंटित और परिवर्तित सभी भूखंडों को निरस्त कर दिया। उनकी ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि 25 अक्तूबर 2012 के बाद भूखंड आवंटन में शासन की नीति और शासनादेश की मूलभूत शर्तों का उल्लंघन किया गया है। सभी आवंटन विधि और नियमों की दृष्टि से अमान्य और दोषपूर्ण हैं, इसलिए सभी आवंटनों और परिवर्तित भूखंडों को निरस्त कर दिया गया। ये भूखंड आमबाग ऋषिकेश, पटेलनगर देहरादून, शिवालिक नगर हरिद्वार और नई टिहरी में आवंटित किए गए थे।
टिहरी के डीएम और पुनर्वास निदेशक नीतेश कुमार झा का इस संबंध में कहना था- ‘‘शासन से आवंटन निरस्त करने का पत्र मिल चुका है। ऐसे भूखंडों की संख्या 224 है, जहां पर निर्माण हो चुका है। ऐसे भवन स्वामियों को नोटिस जारी कर उनसे आवंटन की पत्रावलियां प्रस्तुत करने को कहा जाएगा। यदि नियम विरुद्ध आवंटन हुआ होगा तो निर्माण को हटाने की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। शासनादेश के नियमों का कड़ाई से पालन किया जाएगा।’’