पालमपुर। प्रदेश सरकार भेड़ पालकों को 175 लाख रुपये की लागत से सोलर लाइटें उपलब्ध करवाएगी। इसके लिए उन्हें मात्र 150 रुपये देने होंगे, जबकि शेष
प्रो. धूमल ने कहा कि वूल फैडरेशन की स्थापना राज्य में ऊन उद्योग को प्रोत्साहन एवं बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई है। इसका उद्देश्य भेड़ पालकों को बिचौलियों एवं व्यापारियों के शोषण से बचाना भी है। प्रदेश के गरीब भेड़ पालकों को बेहतर विपणन सुविधाएं प्रदान करने के लिए वूल फेडरेशन ऊन की खरीद कर रहा है। वर्ष 2011-12 के दौरान 1.15 लाख किलोग्राम ऊन खरीदी गई, जबकि वर्ष 2012-13 के दौरान 1.32 लाख किलोग्राम ऊन खरीदी जाने की संभावना है। फैडरेशन भेड़ पालकों को ग्रामीण स्तर पर भेड़ से ऊन निकालने की भी सुविधा दे रहा है। वर्ष 2007-08 में 35,464 भेड़ों की ऊन कतरने के मुकाबले 2011-12 में 71,297 भेड़ों की ऊन निकालने का लक्ष्य हासिल कर फेडरेशन ने इस कार्य में 101 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। फैडरेशन हिमाचल की ऊन का प्रदेश व प्रदेश से बाहर विपणन कर रहा है। वर्ष 2007-08 में 0.76 लाख किलोग्राम ऊन का विपणन किया गया, जबकि वर्ष 2011-12 में 1.18 लाख किलोग्राम ऊन का विपणन कर 55 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। फैडरेशन का बनूरी में अपना संयंत्र है, जहां ऊन की सफाई का कार्य किया जा रहा है।
हिमाचल प्रदेश वूल फेडरेशन के अध्यक्ष त्रिलोक कपूर ने इस अवसर पर भेड़ पालकों के कल्याण की दिशा में विभिन्न योजनाएं आरम्भ करने और फेडरेशन को बनूरी परिसर में 20 कनाल भूमि आवंटित करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।
विधानसभा के अध्यक्ष तुलसीराम, विधायक प्रवीण शर्मा, राज्य पथ परिवहन निगम के उपाध्यक्ष राजीव भारद्वाज, राज्य मीडिया सलाहकार समिति के सदस्य संजय शर्मा, महिला कल्याण बोर्ड की सदस्य शीला और उपायुक्त केआर भारती भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
भेड़ पालकों को दी जाएंगी सोलर लाइटें: धूमल
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