धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश में पिछले एक पखवाड़े के दौरान हुई वर्षा से भाखड़ा बांध और पौंग बांध में जलभराव की स्थिति में सुधार दिखने लगा है, जिससे उत्तर भारत
इस बार उत्तर भारत में मॉनसून काफी कमजोर चल रहा है। आरंभ में तो यही लगने लगा था कि मॉनसून फेल हो गया है, क्योंकि कुछ दिन वर्षा की हल्की फुहारें पडऩे के बाद एकाएक सूखे की स्थिति पैदा हो गई थी। भाखड़ा और पौंग बांध में जल भराव नहीं होने के कारण चिंता बनी हुई थी। स्थिति को देखते हुए इन राज्यों के लिए पानी की आपूर्ति में 10 प्रतिशत कटौती कर दी गई थी। इससे वहां खरीफ फसलों की बुआई पर भी प्रतिकूल प्रभाव पडऩे लगा था। लेकिन पिछले एक पखवाड़े के दौरान हिमाचल प्रदेश में हल्की से दरम्याना वर्षा होने से दोनों जलाशयों में पानी का स्तर 20 फुट तक बढ़ गया। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार शुक्रवार को भाखड़ा का जल स्तर 1576 . 80 फुट तक पहुंच गया था, जो गत 21 जुलाई को 1555 .65 फुट ही था। इसी तरह पौंग बांध का जल स्तर भी 1307. 74 फुट हो गया है, जो गत 21 जुलाई को 1288. 76 फुट था।
हालांकि दोनों जलाशयों में मौजूदा जल स्तर पिछले वर्ष की तुलना में काफी कम है। लेकिन यदि वर्षा ऋतु के शेष लगभग एक माह के दौरान प्रदेश में वर्षाएं अच्छी हुई तो उम्मीद है इन जलाशयों में जलभराव की स्थिति में संतोषजनक सुधार आ जाएगा। भाखड़ा बांध में अधिकतम जलभराव 1680 फुट और पौंग बांध में 1390 फुट तक किया जा सकता है।
भाखड़ा-पौंग जलाशयों में जलभराव की स्थिति सुधरी
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