नई दिल्ली। जनलोकपाल के लिए पिछले डेढ़ साल से आंदोलन चला रहे अन्ना हजारे ने अपनी टीम भंग कर दी है। इसके साथ ही टीम अन्ना की कोर कमेटी भी खत्म
उन्होंने लिखा, ”अच्छे लोगों को खोज कर जनता को विकल्प देना अच्छा रास्ता है। लेकिन यह होगा कैसे? यह मेरे सामने प्रश्न है। मैं देशभर में दौरे करुंगा। लोगों को जागरूक करुंगा। अच्छे सदाचारी लोग, जिनमें सेवा भाव है और जिनका राष्ट्रीय व सामाजिक दृष्टिकोण है, जब तक संसद में नहीं जाएंगे, तब तक बदलाव नहीं आएगा”
अन्ना ने कहा कि बार-बार अनशन करने से कुछ हासिल नहीं हो रहा है। ऐसे में देश को राजनीतिक विकल्प देने की जरूरत है। अन्ना ने साथ ही यह भी कहा कि सरकार से जनलोकपाल की मांग का आंदोलन रुक गया, लेकिन आंदोलन समाप्त नहीं हुआ है। जनलोकपाल की मांग को लेकर अन्ना हजारे ने चार बार अनिश्चितकालीन और चार बार ही एक- एक दिन का अनशन किया था। लेकिन सरकार की ओर से हर बार टालमटोल पूर्ण नीति ही अपनाई जाती रही।
भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम चला रही टीम अन्ना ने हाल ही में जंतर मंतर पर अनशन किया था, जिसके बाद टीम के महत्वपूर्ण सदस्य अरविंद केजरीवाल ने औपचारिक तौर पर राजनीतिक दल बनाने की घोषणा की थी।
टीम अन्ना भंग: भविष्य की योजनाओं पर धुंध
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