Advertising

मनरेगा ठंडे बस्ते में, रोजगार को तरसे मजदूर

मंडी। हिमाचल प्रदेश में महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) को तेजी से ठंडे बस्ते में धकेलने का काम चल रहा है।

Advertisement
कुछ माह पूर्व तक खबरें थीं कि मनरेगा के तहत हुए करोड़ों रुपये के कार्यों की मजदूरों को छह-छह माह तक अदायगी नहीं हुई है। इसके लिए केंद्र से बजट उपलब्ध नहीं होने का रोना रोया जा रहा था, लेकिन अब खबर है कि इस योजना के तहत खर्च करने के लिए केंद्र से मिली करोड़ों रुपये की राशि ब्लॉकों की तिजोरियों या फिर बैंकों की शोभा बढ़ा रही है, लेकिन उसे खर्च करने की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। सरकार में बैठे जनप्रतिनिधि मनरेगा पर कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं।     

अकेले मंडी जिला में ही मनरेगा की करीब पौने सात करोड़ रुपये की धनराशि सरकारी तिजोरियों में पड़ी हैं, जबकि मजदूर रोजगार के लिए तरस रहे हैं। जिलाभर में मनरेगा मजदूरों के 5682 मस्टररोल पेंडिंग पड़े हुए हैं, लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। जिले के वरिष्ठ माकपा नेता कुशाल भारद्वाज का इस बारे में कहना है कि सरकारें उन्हीं योजनाओं में दिलचस्पी लेती हैं, जिनमें धन ठेकेदारों के माध्यम से खर्च किया जा सकता हो और भ्रष्टाचार की पुख्ता गुंजाइश हो। मनरेगा आम गरीब मजदूरों को लाभ दिलाने वाली योजना है, इसलिए जनप्रतिनिधि इसे नजरंदाज किए हुए हैं।

मंडी जिला ग्रामीण विकास अभिकरण (डीआरडीए) ने ग्रामीणों की शिकायत पर इस मामले में सभी बीडीओज से रिपोर्ट तलब की है। लीपापोती के लिए तर्क दिया जा रहा है कि जब तक पुराने स्वीकृत पैसे का लेखा-जोखा मनरेगा सॉफ्टवेयर में अपलोड नहीं होगा, तब तक उन पंचायतों व ब्लॉकों को नए विकास कार्यों के लिए पैसा स्वीकृत नहीं हो पा रहा है।

उपलब्ध रिपोर्ट के अनुसार मनरेगा का पैसा खर्च करने के मामले धर्मपुर, द्रंग, करसोग और सिराज ब्लॉक सबसे फिसड्डी हैं। इन्हीं ब्लॉकों में मस्टररोल भी सबसे ज्यादा पेंडिंग हैं। विकास कार्यों पर किस तरह कछुआ चाल से काम हो रहा है, आंकड़े इसे स्पष्ट बयां कर रहे हैं। मंडी सदर व बल्ह ब्लॉक को दरकिनार कर दिया जाए तो अन्य ब्लॉक काम पूरा करने के मामले में दहाई का आंकड़ा भी पार नहीं कर पा रहे हैं। सिराज व गोहर ब्लॉक में काम पूरा होने की मासिक प्रतिशतता महज 4.38 व 4.50 है। सिराज ब्लॉक में सबसे ज्यादा 1513 और धर्मपुर में 1289 मस्टररोल पेंडिंग हैं। इन ब्लॉकों को केंद्र सरकार भी पिछड़ा घोषित कर चुकी है। बावजूद उसके जनप्रतिनिधि मनरेगा के तहत विकास कार्य करवाने व गरीबों को रोजगार उपलब्ध करवाने की तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं।

डीआरडीए मंडी के उपनिदेशक एवं परियोजना अधिकारी डॉ.संजीव धीमान का कहना है कि इस मामले को लेकर सभी बीडीओज से रिपोर्ट तलब की गई है। पैसा खर्च होने में हो रहे विलंब के कारण पूछे गए हैं।

एच. आनंद शर्मा

H. Anand Sharma is active in journalism since 1988. During this period he worked in AIR Shimla, daily Punjab Kesari, Dainik Divya Himachal, daily Amar Ujala and a fortnightly magazine Janpaksh mail in various positions in field and desk. Since September 2011, he is operating himnewspost.com a news portal from Shimla (HP).

Recent Posts

पं नेहरू के प्रति मेरे मन में पूरा सम्मानः शांता कुमार

धर्मशाला। पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री शांता कुमार ने कहा है कि पालमपुर नगर… Read More

6 months ago

मणिकर्ण में आग लगने से दो मंजिला मकान जलकर राख

कुल्लू। जिला कुल्लू के मणिकर्ण घाटी के गांव सरानाहुली में बुधवार रात को दो मंजिला… Read More

6 months ago

फासीवाद बनाम प्रगतिशील

फासीवाद और प्रगतिशील दोनों विपरीत विचारधाराएं हैं। एक घोर संकीर्णवादी है तो दूसरी समाज में… Read More

6 months ago

वाईब्रेंट विलेज नमग्या पहुंचे राज्यपाल, स्थानीय संस्कृति एवं आतिथ्य की सराहना की

राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के तहत किन्नौर जिला के सीमावर्ती… Read More

7 months ago

दुग्ध उत्पादकों के लिए जुमलेबाज ही साबित हुई सुक्खू सरकार

रामपुर। कांग्रेस ने चुनाव के दौरान 80 व 100 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से… Read More

11 months ago

खुलासाः मानव भारती विवि ने ही बनाई थीं हजारों फर्जी डिग्रियां

शिमला। मानव भारती निजी विश्वविद्यालय के नाम से जारी हुई फर्जी डिग्रियों में इसी विवि… Read More

11 months ago
Advertisement