ऊना। गोंदपुर बुल्ला में एक पेपर मिल के मालिक एवं प्रबंधन रात के अंधेरे में सामान समेट कर चंपत हो गए। अचानक मिल
पीड़ित कामगारों ने मीडिया को बताया कि मिल के मालिक और प्रबंधन 28 नवंबर की रात अंधेरे में चोरी छिपे उद्योग से ट्रकों में सामान भरकर ले गए। उसके बाद मिल बंद हो गई और वे बेरोजगार होकर सड़क पर आ गए। उन्होंने बताया कि मिल प्रबंधन पर कामगारों, ठेकेदारों और उद्योग को सामान सप्लाई करने वाले व्यवसायियों सहित अनेक अन्य लोगों की करोड़ों की देनदारियां बकाया हैं। अब सभी लोग न्याय के लिए प्रशासन पर टकटकी लगाए हुए हैं।
कामगारों ने वीरवार को जिला श्रम अधिकारी के कार्यालय में पहुंचकर पेपर मिल मालिकों के खिलाफ कार्रवाई करने और उनका बकाया वेतन दिलवाने की मांग की थी। प्रशासन ने उन्हें आश्वासन तो दिया, लेकिन अभी तक इसमें कोई कार्रवाई नहीं हुई। गुस्साए कामगारों ने चेतावनी दी है कि यदि उनके बकाया वेतन व भत्ते जल्दी नहीं दिलवाए गए तो उन्हें मजबूरन आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा।
पेपर मिल के श्रमिकों- होशियार सिंह, नरेंद्र कुमार, देवेन्द्र सिंह, साहिल, रतन, यशपाल, जरनैल सिंह, राजेंद्र सिंह, जसवीर सिंह, चंद्रेश, विनोद कुमार, कुलभूषण, नरेश, जोगेन्द्र सिंह, अजय कुमार, अनिल राय, श्याम धर, अखिलेश पांडे आदि ने बताया कि उन्हें पिछले दो माह से वेतन भी नहीं मिला है और उन्हें नौकरी से निकालने के लिए कोई नोटिस भी नहीं दिया गया है। आश्वासन दिया जा रहा है कि मिल में उत्पादन शुरू होते ही उन्हें वापस बुला लिया जाएगा, लेकिन जिस तरह से प्रबंधन रात के अंधेरे में सामान लेकर भागा है, उसे देखते हुए नहीं लगता कि मिल में फिर से उत्पादन शुरू करने की उनकी कोई मंशा है।
पत्रकारों ने इस मामले में श्रम निरीक्षक सोहन लाल से बात की तो उनका कहना था कि श्रमिकों के हितों की रक्षा के लिए विभाग उचित कदम उठाएगा। मिल मालिकों और प्रबंधन को जिला श्रम कार्यालय में बुलाकर दोनों पक्षों के बीच वार्ता के उपरांत श्रमिकों के हितों की रक्षा को सुनिश्चित बनाया जाएगा।