नैनीताल (गोपेश्वर)। शहरवासियों को बंदरों के आतंक से निजात दिलाने के लिए गोपेश्वर
गौरतलब है कि गत वर्ष से नगर पालिका क्षेत्र में बंदरों का आतंक चरम पर पहुंच गया है। तीन से अधिक छात्र-छात्राओं पर हमला करने के साथ ही बंदर कई राहगीरों को भी घायल कर चुके हैं। हालत यह है कि घरों में घुसकर बंदर खाद्य सामग्री चट कर रहे थे। भगाने का प्रयास करने पर बंदर हमला कर देते हैं। समस्या के समाधान के लिए गोपेश्वर नगरपालिका ने निर्णय लिया कि बंदरों को पकड़ने के लिए बोर्ड फंड का इस्तेमाल किया जाएगा।
उत्तर-प्रदेश के मथुरा से बंदर पकड़ने के लिए मुहम्मद इकराम के नेतृत्व में तीन एक्सपर्ट बुलाए गए हैं। रविवार को पीजी कॉलेज व आसपास के क्षेत्र से एक्सपर्ट ने 109 बंदरों को पिंजरे में कैद किया। पालिका अध्यक्ष संदीप रावत ने बताया कि एक्सपर्ट को प्रति बंदर पकड़ने पर 300 रुपये मेहनताना तय है। पालिका क्षेत्र में 500 बंदरों तक को पकड़ने के लिए पालिका बोर्ड फंड से धनराशि दी जाएगी। धनराशि की कमी होने पर जनता से सहयोग की अपील की जाएगी। बंदरों को पकड़ने के बाद इन्हें वन विभाग को सौंपा जाएगा।
उल्लेखनीय है कि क्षेत्र में बहुगुणा विचार मंच के आंदोलन के बाद नंदप्रयाग के डिडोली में बंदरबाड़ा स्वीकृत हुआ था, लेकिन दो साल बाद भी इसका निर्माण नहीं हो पाया। यहां बंदरों के बधियाकरण की योजना थी। मंच के संयोजक हरीश पुजारी का कहना है कि बंदरों के आतंक से गांवों में खेती बर्बाद हो गई है। हजारों परिवारों ने थकहार कर अंततः खेती करनी ही छोड़ दी है। हजारों एकड़ भूमि बंजर पड़ी हुई है।
यहां जखोली व मयाली कस्बों में भी बंदरों के आतंक से लोग सहमे हुए हैं। बंदर लोगों के घरों के साथ ही दुकानों पर भी सामुहिक रूप से धावा बोल रहे हैं। पूर्व जिला पंचायत सदस्य जयदीप काला व महावीर पंवार ने डीएम को भेजे ज्ञापन में कहा कि ब्लाक जखोली व मयाली में बंदर बड़ी संख्या में उत्पात मचा रहे हैं। इससे स्थानीय लोगों के साथ ही स्कूली बच्चों को भी स्कूल आने-जाने में खासी दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं। बंदर घरों व दुकानों से खाद्य सामग्री उठाकर नुकसान पहुंचा रहे हैं। वन विभाग को लिखित व मौखिक रूप से कई बार अवगत कराया जा चुका है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। अब यदि कार्रवाई नहीं की जाती है, तो स्थानीय लोग आंदोलन को मजबूर होंगे।