नई दिल्ली। 17वीं लोकसभा के लिए हुए चुनाव में जनता ने एकबार फिर से प्रचंड बहुमत के साथ देश की कमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथ में सौंप दी। भाजपा को 2014 से भी बड़ी जीत हासिल हुई है। उसने राज्यों में विपक्ष को क्लीन स्वीप कर अपने दम पर 302 सीटें हासिल कीं, जबकि पिछले चुनाव में उसे 283 सीटें मिली थीं। भाजपा के नेतृत्व में एनडीए ने 351 सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए को मात्र 86 सीटें मिलीं। अन्यों को 105 सीटें मिली हैं।
मोदी के नेतृत्व में हिंदुत्व की लहर के आगे कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं यूपीए से प्रधानमंत्री पद के दावेदार राहुल गांधी को भी अमेठी से हार का मुंह देखना पड़ा। उन्हें भाजपा प्रत्याशी स्मृति इरानी ने 46,525 मतों के अंतर से पराजित किया। राहुल गांधी हालांकि केरल की वायनॉड सीट से भारी बहुमत से जीतने में कामयाब हुए हैं। कांग्रेसी दिग्गज दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित जेडीएस के नेता पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा भी अपनी सींटें नहीं बचा पाए।
भाजपा ने दस राज्यों एवं केंद्र शासित राज्यों- गुजरात (26), राजस्थान (25), हिमाचल प्रदेश (04), उत्तराखंड (05), दिल्ली(07), चंडीगढ़ (01), हरियाणा (10), अंडमान निकोबार (01), दमन दीव (01) और त्रिपुरा (02) में विपक्ष को पूरी तरह क्लीन स्वीप कर यह मुकाम हासिल किया है। कांग्रेस ने पांच माह पूर्व ही राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में अपनी सरकार बनाई थी, लेकिन संसदीय चुनाव में वहां भी कांग्रेस की बहुत दुर्गत हुई।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने चुनाव परिणाम आने के बाद कहा- “लोकसभा चुनाव में हार को स्वीकार करता हूं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा को जीत की बधाई। नरेंद्र मोदी और भाजपा से लड़ाई विचारधारा की है।उनकी विचारधारा अलग है और कांग्रेस की अलग सोच है। इस चुनाव में भाजपा और मोदीजी की जीत हुई है, लेकिन प्यार कभी हारता नहीं। ”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस जीत के लिए जनता का आभार जताते हुए कहा, “21वीं सदी में 2019 का यह चुनाव किसी के पक्ष में नहीं, बल्कि भारत के लिए है। वादा करता हूं कि बदनीयत से कोई काम नहीं करूंगा। गलती हो जाए तो कसते रहना और कोसते रहना। अब देश में दो जातियां होंगी- गरीबी और गरीबों को मुक्ति में योगदान देने वालों की।”