कांगड़ा जिले में महाराणा प्रताप सागर (पौंग बांध) में प्रवासी पक्षियों की अठखेलियां आरंभ हो चुकी हैं। अभी तक 90 प्रजातियों के करीब 88 हजार पक्षी अपनी दस्तक देकर झील को गुलजार कर चुके हैं तथा पक्षियों का आना लगातार जारी है। झील के चारों ओर सुबह-शाम प्रवासी पक्षियों का आकर्षक नजारा लेने के लिए पर्यटकों की भीड़ भी उमड़ रही है।
वन्य प्राणी विभाग के सूत्रों के अनुसार इस बार पक्षियों की दो नई प्रजातियों -मरगैंजर व कालकैडिड डक ने भी दस्तक दी है। इसके साथ ही झील में आने वाली प्रवासी पक्षियों की 416 प्रजातियां दर्ज हो चुकी हैं। ये पक्षी चीन, मंगोलिया, साइबेरिया, यूरोप, एशिया सहित कई शीतकालीन देशों से आते हैं। पिछले वर्ष 97 प्रजातियों के करीब 1.50 लाख पक्षी पौंग झील में पहुंचे थे। पिछले वर्ष वन्य प्राणी विभाग ने कुछ प्रवासी पक्षियों को कॉलर और ट्रांसमीटर भी लगाए थे। अभी तक मात्र तीन ही ऐसे पक्षी लौट पाए हैं, जिन्हें कॉलर लगाए गए थे। ट्रांसमीटर लगे पक्षी अभी तक देखने में नहीं आए हैं। उन्हें इंटरनेट के जरिए ही देखा जा सकता है। इस बार हैडिड गीज, शैलडक, पिन ढैल, कौमन पौचाड़, गजल कामन कूट आदि प्रजातियों के परिंदे झील में दस्तक दे चुके हैं। इन प्रवासी पक्षियों की अठखेलियों का नजारा लेने के लिए देश-विदेश से अभी तक यहां एक हजार से अधिक पर्यटक यहां पहुंच चुके हैं। पक्षियों के साथ-साथ पर्यटकों की संख्या भी बढ़ती जा रही है।
विभाग ने प्रवासी पक्षियों की सुरक्षा के लिए 12 टीमें तैनात कर रखी हैं। प्रदेश सरकार ने पौंग बांध में प्रवासी पक्षियों का रिसर्च केंद्र बनाने का निर्णय लिया है। हाल ही में मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने यह घोषणा करते हुए बताया कि यह केंद्र स्थानीय युवाओं की मदद से शुरू किया जायेगा। उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश में 33 वन्यप्राणी अभयारण्य तथा दो नेशनल पार्क हैं, जो प्रदेश के 7161 किलोमीटर इलाके में फैले हैं।