मंडी (पधर)। मंडी जिला के पधर में मनरेगा योजना लडख़ड़ा गई है। यहां मनरेगा के लगभग 1200 मजदूर महीनों से भुगतान के लिए बैंकों के चक्कर काट रहे हैं,
प्राप्त जानकारी के अनुसार पधर में मनरेगा के तहत करीब चार करोड़ रुपये के कार्यों का टारगेट लोक निर्माण विभाग को दिया गया था। खंड विकास कार्यालय से जारी मस्ट्रोल पर विभाग ने मनरेगा मजदूरों को काम पर लगाया है। मनरेगा अधिनियम में मजदूरों को 15 दिनों के भीतर भुगतान अनिवार्य किया गया है, लेकिन यहां लंबे समय से उन्हें बिना वेतन के रखा जा रहा है।
लोनिवि ने अब उपायुक्त मंडी को भी पत्र प्रेषित कर इस स्थिति से अवगत करा दिया है और मजदूरों को पगार मिलने तक काम बंद करने की स्वीकृति मांगी है। विभाग के अधिशाषी अभियंता अरुण पठानिया ने बताया कि विभाग ने खंड विकास कार्यालय से जारी मस्ट्रोल पर मनरेगा मजदूरों को काम पर लगाया है। उनकी मजदूरी का भुगतान विकास खंड कार्यालय के माध्यम से उनके अकाउंट में होना है। लगभग 30. 57 लाख रुपये की राशि का भुगतान अभी तक नहीं हो पाया है। उन्होंने बताया कि उपायुक्त मंडी और विकास खंड कार्यालय को इस बारे में पत्र द्वारा सूचित कर दिया गया है।
उधर, पधर के खंड विकास अधिकारी ताराचंद वर्मा का कहना है कि केंद्र से मनरेगा की ग्रांट राज्य को जारी होने में देरी हुई है। उन्होंने कहा कि लगभग पांच लाख रुपये की ग्रांट विभाग को जारी कर दी गई है। शीघ्र ही मजदूरों का कुछ भुगतान हो जाएगा।
मनरेगा मजदूरों का 30 लाख का भुगतान लटका
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