श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में पर्यटन इंडस्ट्री दो दशक बाद तेजी से पटरी पर लौटती दिख रही है। घाटी में सैलानियों की भारी भीड़ उमड़ रही है। इन दिनों यहां सभी पर्यटक स्थल देशी-विदेशी पर्यटकों से भरे पड़े हैं। घाटी में पर्यटन उद्योग न सिर्फ राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती देने में फिर से अहम रोल निभाने लगा है, बल्कि इस उद्योग से जुड़े लोगों का कारोबार भी चमक रहा है।
उल्लेखनीय है कि घाटी के अधिकांश लोग किसी न किसी रूप में पर्यटन व्यवसाय से जुड़े हैं। और यही राज्य में रोजगार का प्रमुख हिस्सा है। पर्यटन विभाग के निदेशक तलत परवेज के मुताबिक पर्यटन से पहलगाम में ही लगभग 150 करोड़ रुपये का सालाना कारोबार होता है। आंकड़ों पर गौर फरमाएं तो यहां पोनी वाले 25 से 30 करोड़, होटल वाले 30 से 35 करोड़, ट्रांसपोर्ट वाले 20 से 25 करोड़, इन क्षेत्रों में हथकरघा से जुड़े लोग लगभग 40 करोड़ और विभिन्न अन्य व्यवसाय से जुड़े लोग लगभग 25 से 30 करोड़ रुपये का सालाना कारोबार करते हैं। इसी तरह गुलमर्ग पर्यटकों का मनपसंद क्षेत्र है, जहां हर बार पर्यटकों का तांता लगा रहता है। यहां भी साल भर पर्यटकों के आने से लगभग 150 करोड़ रुपये का कारोबार होता है। इसी प्रकार सोनामर्ग में लगभग 50 करोड़ और श्रीनगर के पास डल झील में लगभग 400 करोड़ रुपये का कारोबार पर्यटन से होता है।
डायरेक्टर पर्यटन विभाग तलत परवेज का कहना है कि विभाग राज्य के हर क्षेत्र में पर्यटन को आगे ले जाना चाहता है। नए क्षेत्रों की पहचान कर उन्हें पर्यटन के नक्शे पर डालने की कोशिश हो रही है ताकि स्थानीय लोगों को भी रोजगार के नए अवसर मिल सकें।