ओखलकांडा ब्लॉक की ग्रामसभा नाई में 1953 में आयुर्वेदिक अस्पताल स्थापित किया गया था। इस अस्पताल पर चकदलाड, नाई, कोटली, परमधार, भूमका, उडियारी और सलड़ी क्षेत्र की लगभग 20 हजार की आबादी निर्भर है। ग्रामीण मदन सिंह नयाल, गोपाल नयाल, देवेंद्र नयाल, भगवती नयाल बताते हैं कि वर्ष 2003 में अस्पताल में कार्यरत चिकित्सक की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी। तब से अस्पताल में किसी भी डाक्टर की तैनाती नहीं की गई। डाक्टर आने की आस में ग्रामीणों ने काफी समय तक अस्पताल का दरवाजा खुला रखा। यह सिलसिला लगभग तीन वर्ष तक चला। उसके बाद ग्रामीणों ने अस्पताल पर ताला लगा दिया, अलबत्ता सफाई आदि करते रहे। तब
आयुर्वेदिक एवं यूनानी चिकित्सा अधिकारी डा. केएस नपच्याल से इस संबंध में बात की गई तो उनका कहना था कि 10 वर्ष पूर्व यह अस्पताल जिला पंचायत के अधीन था। तब आयुर्वेदिक चिकित्सकों की नियुक्ति जिला पंचायत ही कराती थी। इसलिए अस्पताल के संबंध में सही जवाब जिला पंचायत ही दे सकती है।
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