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Categories: राजनीति

मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को कौन कर रहा अस्थिर?

शिमला। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को सदन में संभवतः पहली बार इतनी परेशानी से जूझना पड़ रहा है। उनके खिलाफ चल

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रहे मनी लांड्रिंग केस में केंद्र सरकार ने अदालत में टिप्पणी क्या कर दी, न केवल विपक्ष मुख्यमंत्री पर पिल्ल पड़ा, बल्कि दलगत विरोधियों ने भी सक्रियता बढ़ा दी है। मुख्यमंत्री स्वयं को चहुंओर से घिरा हुआ महसूस कर रहे हैं। विपक्षी दल भाजपा मुख्यमंत्री से त्यागपत्र की मांग करते हुए सदन में हंगामा कर रहा है, जबकि कांग्रेस के कुछ महत्वाकांक्षी नेता इसे अपने लिए एक सुनहरी अवसर मान कर चल रहे हैं।

विधानसभा में मॉनसून सत्र के तीसरे दिन शुक्रवार को भी भाजपा ने मुख्यमंत्री पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए जमकर नारेबाजी की। भारी हंगामे के बीच जैसे- तैसे प्रश्नकाल की औपचारिकताएं पूरी की गईं और अंततः सदन की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर देनी पड़ी। मीडिया कर्मी इसके बाद विधानसभा में जब वीरभद्र सिंह से मिलने गए तो वहां मौजूद बागवानी मंत्री विद्या स्टोक्स पत्रकारों पर भड़कते हुए कहने लगीं, ‘‘मैनें कोई त्यागपत्र नहीं दिया है… मेरे खिलाफ झूठी खबरें फैलाई जा रही हैं। मैं मानहानि का दावा करूंगी…। ’’ आरंभ में तो पत्रकारों के कुछ भी समझ नहीं आया। बागवानी मंत्री से कहा गया कि उनके खिलाफ ऐसी कोई खबर नहीं छपी है, वे नाहक नाराज हो रही हैं। इस पर सहज होकर विद्या स्टोक्स ने बताया कि वीरवार सायं उनके त्यागपत्र की अफवाह फैलाई गई थी। कई लोगों ने फोन करके उनसे पूछा कि क्या वास्तव में ही उन्होंने त्यागपत्र दिया है? विद्या स्टोक्स ने जोर देकर कहा कि उन्होंने अपने पद से कोई त्यागपत्र नहीं दिया है और वे पूरी निष्ठा के साथ मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के साथ खड़ी हैं।

पत्रकारों ने वीरभद्र सिंह से सदन में भाजपा की नारेबाजी को लेकर प्रतिक्रिया जाननी चाही तो उनका कहना था कि भाजपाई जो मर्जी बकवास करते रहें, उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके खिलाफ मामला विचाराधीन है, कोई फैसला नहीं आया है। वे किसी भी कीमत पर मुख्यमंत्री पद नहीं छोड़ने जा रहे, बल्कि अदालत में अपनी लड़ाई जारी रखेंगे।

उल्लेखनीय है कि बुधवार को केंद्र सरकार ने दिल्ली उच्च न्यायालय में कहा था कि वीरभद्र सिंह के खिलाफ प्रथम दृष्टया मनी लांड्रिंग का मामला बनता है और फिलहाल सीबीआई ही बता सकती है कि जांच कहां तक पहुंची है। अदालत ने आयकर विभाग को एक सप्ताह में मुख्यमंत्री के कर आकलन का रिकार्ड व अन्य दस्तावेज पेश करने का आदेश दिया है।

वीरभद्र सिंह के बारे में केंद्र सरकार की मंशा साफ होते ही प्रदेश में जहां भाजपाइयों की बांछें खिल गईं, वहीं कांग्रेस में मुख्यमंत्री के विरोधियों को भी अपना दाव खेलने का मौका मिल गया। फेसबुक और ट्विटर के माध्यम से खूब प्रचार किया जा रहा है कि मनी लांड्रिंग केस में मुख्यमंत्री को शीघ्र ही त्यागपत्र देना पड़ेगा। एक धड़ा कौलसिंह ठाकुर को भावी मुख्यमंत्री के रूप में प्रचारित करने जुटा है।

वीरभद्र सिंह ने विगत में कई बार अपने विरोधियों को परास्त किया है। वे हाई कमान से भी लोहा लेते रहे हैं। आड़े वक्त के लिए उनके तरकस में हमेशा तीर मौजूद रहते हैं। देखना यह है कि इस बार उनके तीर निशाने पर बैठते हैं या नहीं?

एच. आनंद शर्मा

H. Anand Sharma is active in journalism since 1988. During this period he worked in AIR Shimla, daily Punjab Kesari, Dainik Divya Himachal, daily Amar Ujala and a fortnightly magazine Janpaksh mail in various positions in field and desk. Since September 2011, he is operating himnewspost.com a news portal from Shimla (HP).

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