शिमला। हिमाचल सरकार ने विधानसभा चुनाव से पूर्व सरकारी नौकरियों का पिटारा खोल दिया। सोमवार को मंत्रिमंडल की बैठक में विभिन्न विभागों में 3000 पद भरे जाने का निर्णय लिया गया है, जिसमें स्वास्थ्य विभाग में 2000 पद पैरा मेडिकल स्टाफ के हैं। इसके अतिरिक्त पशुपालन, शिक्षा, अग्निशमन, वन एवं पर्यावरण अभियोजन विभागों में भी नियुक्तियों को मंजूरी दी गई है। बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने की।
वन रक्षक होशियार सिंह की दादी को ताउम्र वेतनः बैठक में मंडी जिला की कंताड़ा बीट में पेड़ से उलटे लटके मिले वन रक्षक होशियार सिंह की दादी हिरदी देवी को जीवन पर्यन्त स्व. होशियार सिंह के वेतन के बराबर की राशि प्रदान करने का निर्णय लिया गया। विशेष मामले में यह निर्णय होशियार सिंह की ड्यूटी के दौरान असाधारण परिस्थितियों में हुई मौत के दृष्टिगत लिया गया।
कंताड़ा बीट में गत आठ जून को नव नियुक्त वन रक्षक होशियार सिंह का शव पेड़ से उलटा लटका मिला था। उसके पास से सुसाइड नेट भी मिला था, जिसमें उसने विभाग के ही कुछ अधिकारियों- कर्मचारियों सहित वन माफिया के खिलाफ विस्तार से शिकायत की थी। स्थानीय लोगों ने मामले की जांच के लिए खूब धरना प्रदर्शन किया था, लेकिन पुलिस अभी तक भी इस गुत्थी को नहीं सुलझा पाई है।
सेब का खरीद मूल्य 25 पैसे बढ़ायाः मन्त्रिमण्डल ने मण्डी मध्यस्थता योजना के तहत खरीदे जाने वाले सेब के प्रापण मूल्य में 25 पैसे प्रति किलोग्राम की वृद्धि कर 6.75 रुपये करने का भी निर्णय लिया। सरकारी एजेंसियां- हिमफेड और एचपीएमसी सेब की खरीद करती है।
अन्य फैसलेः यह भी निर्णय लिया गया कि प्रदेश सरकार से कर्मचारी पेंशन निधि के लिए परिवहन निगम को 20 करोड़ रूपये का अनुदान दिया जाएगा। शैक्षणिक सत्र 2018-19 से ऐसे राजकीय महाविद्यालयों में पर्यावरण विज्ञान प्रवक्ताओं के पद भरने को भी स्वीकृति प्रदान की गई, जहां विद्यार्थियों की संख्या 1000 अथवा इससे अधिक हैं। बैठक में सोलन जिला की ग्राम पंचायत कुफटू के स्वास्थ्य उप-केन्द्र रूगरा को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में स्तरोन्नत करने, मण्डी जिला के डडौण में उप-स्वास्थ्य केन्द्र खोलने, हमीरपुर जिला के चकमोह स्थित पशु औषधालय को पशु अस्पताल में बदलने, कांगडा जिला की ग्राम पंचायत अंबल के कलदून में एक पशु अस्पताल तथा एक नया पशु औषद्यालय खोलने को भी स्वीकृति प्रदान की गई।
मंत्रिमण्डल ने पंडोह में सात माह के लिए स्टॉफ सहित भू-अधिग्रहण इकाई प्रथम व द्वितीय के कार्यकाल को बढ़ाने, एसएलएयू द्वितीय पंडोह को राष्ट्रीय उच्च मार्ग-3 हाथीथां-कसोल-मनिकर्ण-पुलगा सड़क की सीमा क्षेत्र में लाने तथा इसके मुख्यालय को कुल्लू@मणिकर्ण@भुंतर में बदलने का निर्णय भी लिया। इसी प्रकार शिमला जिले की ननखडी उप तहसील को तहसील में स्तरोन्नत करने, ऊना जिला में गगरेट के कलोह में उप-तहसील खोलने, सिरमौर जिला के गांव टिम्बा-कांडो तथा सेर-खण्डवाड़ी में प्राथमिक पाठशालाएं खोलने, चम्बा जिला के शिक्षा खण्ड चुवाड़ी की ग्राम पंचायत मलुंडा के बदाए में, शिक्षा खण्ड सलूणी की ग्राम पंचायत खण्डवाड़ा के गांव शैणी में, शिमला जिला में प्राथमिक शिक्षा खण्ड के अन्तर्गत ग्राम पंचायत मानू- भाविया के गांव बीडी तथा कांगड़ा जिला के प्राथमिक शिक्षा खण्ड देहरी के अन्तर्गत ग्राम पंचायत सुराणी के गांव थलाकण में प्राथमिक पाठशालाएं खोलने को भी अपनी मंजूरी प्रदान की।