मंडी। स्थानीय प्रशासन ने यहां रामनगर में सीवरेज की समस्या का ऐसा समाधान ढूंढ निकाला कि लोगों का जीना ही दूभर हो गया। सीवर का दबाव सहने के
रामनगर की लगभग तीन हजार की आबादी की सीवर ओवरहैड लाइन से होकर पशुपालन विभाग के कार्यालय के पीछे बने टैंक तक पहुंचती है। यह ओवरहैड लाइन अब इस सीवर के दबाव को सहने के लिए अपर्याप्त हो चुकी है। समस्या के स्थाई समाधान के लिए यहां पिछले कई वर्षों से एक समानांतर पाईप बिछाने का काम कछुआ चाल से चल रहा है। अब हालात यह हो गए हैं कि यह सीवरेज लाइन बार-बार बंद हो जाती है और चैंबर लीक होने लगते हैं। सीवरेज ठेकेदार के कर्मचारियों ने इस लाइन को पहले ही दो-तीन जगह से इसलिए पेंचर करके रखा हुआ है ताकि सीवर सीधे ही खड्ड में चला जाए। अब जबकि लोगों की बार-बार इस बारे में शिकायतें आ रही हैं तो वर्तमान में इसका जिम्मा संभाले ठेकेदार के लोगों ने इसका तोड़ ऐसा ढूंढा, जिसका कोई जवाब नहीं। एक जगह की लीकेज को खत्म करने के लिए कर्मियों ने कुछ दूरी पर इस पाइप लाइन को पत्थर से तोड़ कर पेंचर कर दिया, जिससे अब सारा सीवर वहीं से खुले में बहने लगा है और सारी गंदगी सीधे सुकेती खड्ड में समा रही है। सीवर की दुर्गंध के कारण पूरे मुहल्ले में लोगों का जीना दूभर हो गया है। इस नरक को झेल रहे प्रवीण ठाकुर, अनिल ठाकुर, जगन्नाथ शर्मा, चमन शर्मा, लाजवंती शर्मा, सतीश ठाकुर, अमर सिंह पटयाल, बिमला देवी, धमेंद्र शर्मा, चंचल शर्मा, पुष्पेंद्र ठाकुर, भूपेंद्र सिंह आदि ने बताया कि सीवरेज की दुर्गंध के कारण उनका घरों से निकलना ही मुश्किल हो गया है। उन्होंने मीडिया को बताया कि ठेकेदार के कर्मचारी जब इस पाइप को तोडऩे लगे थे तो लोगों ने उन्हें रोकने की काफी कोशिश की, लेकिन वे नहीं माने।
लोग स्थानीय प्रशासन से इसकी शिकायत करते थक चुके हैं, लेकिन कहीं भी सुनवाई नहीं हो रही। पीड़ित लोगों ने अंततः तोड़ी गई पाइप और खुले में बहते सीवर की फोटोग्राफी और विडियोग्राफी करवाकर इसकी शिकायत उपायुक्त, आईपीएच विभाग के आला अधिकारियों तथा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से करने का निर्णय लिया है ताकि उन्हें इस नरक से छुटकारा मिल सके।