शिमला। बेरोजगारी भत्ता और दूसरी राजधानी के वादों पर सवार होकर चुनावी जंग जीतने की योजना पर काम कर रहे मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में कांग्रेस की शर्मनाक पराजय से आहत हैं। उनकी इससे भी बड़ी समस्या यह है कि देशभर में ही कांग्रेसी खेमों में भाजपा लगातार सेंध मार रही है और हो सकता है कि हिमाचल प्रदेश भी इससे अछूता न रहे। ऐसे में तत्काल उपाय के रूप में वीरभद्र सिंह चाहते हैं कि कांग्रेस संगठन में तुरंत कुछ बदलाव हों।
गेयटी थियेटर में रविवार को एक सांस्कृतिक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से पांच राज्यों के चुनाव परिणामों पर प्रतिक्रिया लेने के लिए आए पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, “ केंद्र में सत्तासीन भाजपा विभिन्न राज्यों की राजनीति को मेन्युप्लेट कर रही है। ऐसे में यहां कांग्रेस में बदलाव की तत्काल आवश्यकता है।” मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार रिपीट होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गोआ और मणिपुर में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है, लेकिन भाजपा वहां भी जोड़ तोड़ कर सरकार बनाने की फिराक में है, जो स्वस्थ लोकतंत्र के लिए एक खतरे की घंटी है। पांच राज्यों के तुरंत बाद भोरंज में होने वाला उपचुनाव भी वीरभद्र सरकार के लिए बड़ी चुनौती है। इस चुनाव में हार जीत का मनोवैज्ञानिक प्रभाव इसके कुछ ही माह बाद (इस वर्ष के अंत में) होने वाले विधानसभा चुनाव पर भी पड़ सकता है। भोरंज सीट भाजपा के विधायक आईडी धीमान के निधन के कारण खाली हुई है। यह क्षेत्र भाजपा का गढ़ माना जाता है। वहां 9 अप्रैल को मतदान होना है, जबकि 13 अप्रैल को मतगणना होगी।
भोरंज उपचुनावः भोरंज उपचुनाव के लिए कांग्रेस और भाजपा में टिकटार्थियों की कदमताल तेज हो गई है। भाजपा से तीन तो कांग्रेस से चार लोग टिकट की दौड़ में हैं। भाजपा से स्व. आईडी धीमान के बेटे अनिल धीमान को टिकट का प्रमुख दावेदार माना जा रहा है। उनके अतिरिक्त भाजपा की प्रदेश सचिव कमलेश कुमारी और जिला परिषद सदस्य पवन कुमार भी टिकट की दौड़ में हैं। कांग्रेस से डा. रमेश डोगरा टिकट के प्रबल दावेदार हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में भी उन्हें ही टिकट दिया था तथा उन्होंने भाजपा के आईडी धीमान कड़ी टक्कर दी थी। उनके अतिरिक्त कांग्रेस से एपीएमसी हमीरपुर के चेयरमैन प्रेम कौशल, कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग के अध्यक्ष डा. सुरेश कुमार और जिला परिषद प्रतिनिधि रह चुकीं प्रोमिला भी दावेदारी जता रहे हैं। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतपाल सत्ती और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सुखविंद्र सिंह सुक्खू का कहना है कि टिकट का फैसला शीघ्र ही कर दिया जाएगा। नामांकन की अंतिम तिथि 21 मार्च है।