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विवादित बाबा के चरण चूमती सरकार!

शिमला। चुनावी वर्ष में कांग्रेस ने भी भाजपा की तरह एक विवादित बाबा को सर पर बिठा दिया। साधुपुल में एक और विवादित बाबा का विवादित आश्रम, जो प्रदेश की कांग्रेस सरकार के लिए आज एक तीर्थ से कम नहीं। बाबा अमरदेव के आपराधिक कृत्यों से स्थानीय लोग बेहद परेशान एवं पीड़ित हैं, लेकिन जब मुख्यमंत्री से लेकर तमाम मंत्रीगण और अधिकारीगण तक बाबा की चरणधूलि पाने के लिए उसके पास दौड़े चले जाते हों तो न्याय की उम्मीद कैसे की जा सकती है। पिछले विधानसभा चुनावों से ठीक पूर्व भाजपा ने भी साधुपुल में विवादास्पद ढंग से स्वामी रामदेव का आश्रम खड़ा किया था।

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बाबा अमरदेव ने सोलन जिला में साधुपुल के निकट पांच बीघा से अधिक सरकारी भूमि पर कब्जा कर रखा है। प्रशासन ने खानापूर्ति के लिए उन्हें केवल नोटिस दिया, लेकिन आगे कार्यवाही की हिम्मत नहीं जुटा पाया।  बाबा के रामलोक आश्रम में गत वर्ष एक छापे के दौरान कुछ तेंदुए की खालें बरामद हुई थीं, जिसे वाइल्ड लाइफ एक्ट के तहत गंभीर अपराध माना जाता है। वाइल्ड लाइफ इंस्टीच्यूट ऑफ इंडिया, देहरादून से इन खालों के बारे में जांच रिपोर्ट भी सीआईडी को मिल चुकी है, लेकिन बाबा पर हाथ डालने की कोई हिम्मत नहीं जुटा पा रहा। सरकार मेहरबान तो बाबा पहलवान!      

बाबा के ऐसे ही कृत्यों के चलते गत 26 अप्रैल को स्थानीय ग्रामीणों और बाबा के अमले से मध्य हिंसक झड़प हुई, जिसमें शांति देवी (54) नामक महिला गंभीर रूप से घायल हुई। वह अभी भी सोलन के अस्पताल में उपचाराधीन है, लेकिन सरकार को जैसे ही घटना की सूचना मिली, बाबा को आईजीएमसी शिमला में वीआईपी ट्रीटमेंट के साथ दाखिल किया गया, जहां उनसे मिलने के लिए मंत्रियों, विधायकों, अधिकारियों का जमघट लगा हुआ है। घटना के तुरंत बाद कंडाघाट थाने के एसएचओ समेत 18 पुलिस कर्मियों का तबादला कर दिया गया, जिससे पूरा पुलिस महकमा डरा हुआ है। बाबा के कृत्यों और उन पर सरकार की मेहरबानियों के विरोध में आम जनता सड़कों पर धरना प्रदर्शन कर रही है। रविवार को क्षेत्र की 22 पंचायतों के जन प्रतिनिधियों ने एक सम्मेलन आयोजित कर निर्णय लिया कि बाबा को रामलोक आश्रम छोड़ना ही होगा, लेकिन सरकार ने तो इस ओर से जैसे आंखें ही मूंद रखी है। इसी कारण यह मुद्दा पूरे प्रदेश  चर्चा का विषय बना हुआ है।  

यह कोई बाबा नहीं, माफिया हैः सिंघा माकपा के पूर्व राज्य सचिव एवं हिमाचल किसान सभा के महासचिव राकेश सिंघा ने सोलन में पत्रकारों से बाबा प्रकरण पर कहा, “अमरदेव कोई बाबा नहीं, बल्कि एक माफिया है, जो रामलोक मंदिर में रह कर गैर कानूनी कार्यों को अंजाम दे रहा है। जिस प्रदेश का मुखिया ही बाबा के दरबार में हाजिरी भरता हो उसे किसका भय? इस बाबा को शिमला के आईजीएमसी में कमरा नंबर में 633 व 634 में रखा गया है, जोकि सिर्फ मुख्यमंत्री, राज्यपाल व जजों आदि को ही दिया जाता है। बाबा पर इतनी मेहरबानी सरकार को संदेह के कटघरे में खड़ा करती है। अगर सरकार ईमानदार है तो वह बाबा द्वारा जमीन पर किए गए अतिक्रमण को छुड़ाए और अन्य आपराधिक मामलों में कड़ी कार्रवाई करे।”

एच. आनंद शर्मा

H. Anand Sharma is active in journalism since 1988. During this period he worked in AIR Shimla, daily Punjab Kesari, Dainik Divya Himachal, daily Amar Ujala and a fortnightly magazine Janpaksh mail in various positions in field and desk. Since September 2011, he is operating himnewspost.com a news portal from Shimla (HP).

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