शिमला। प्रदेश के आयुर्वेद एवं सहकारिता मंत्री कर्णसिंह का वीरवार देर रात दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIMS) में निधन हो गया। वे लंग्ज और लिवर में गंभीर इन्फेक्शन के कारण पिछले कुछ दिनों से वहां उपचाराधीन थे। कर्ण सिंह (59) के देहांत की सूचना मिलते ही प्रदेश, विशेषकर कुल्लू घाटी में शोक की लहर दौड़ गई। उनके पार्थिव शरीर को दिल्ली से कुल्लू लाया जा रहा है, जहां शनिवार को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। वे अपने पीछे पत्नी और एक पुत्र छोड़ गए हैं।
कुल्लू के राज परिवार से संबंधित कर्णसिंह के बड़े भाई महेश्वर सिंह कुल्लू से विधायक हैं तथा इस समय भाजपा में हैं। कर्णसिंह वर्ष 1990 में भाजपा की टिकट पर बंजार विधानसभा क्षेत्र से पहली बार विधायक बने थे। वर्ष 1998 में बंजार से दूसरी बार चुने जाने पर भाजपा-हिविकां गठबंधन सरकार में प्राथमिक शिक्षा राज्य मंत्री बने। प्रदेश में बदलते राजनीतिक समीकरणों के कारण उन्हें वर्ष 2003 का चुनाव भाजपा की टिकट पर कुल्लू- मनाली विधानसभा क्षेत्र से लड़ना पड़ा, जिसमें वे कामयाब नहीं हो पाए। वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने कांग्रेस पार्टी में प्रवेश किया तथा मंडी लोकसभा क्षेत्र से पार्टी के तत्कालीन प्रत्याशी वीरभद्र सिंह के कवरिंग कंडिडेट रहे। वर्ष 2012 में वे कांग्रेस की टिकट पर बंजार से तीसरी बार विधायक चुने गए और सरकार में आयुर्वेद एवं सहकारिता मंत्री बने।
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल सहित सभी मंत्रियों, विधायकों एवं नेताओं ने कर्णसिंह के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की है।
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