Advertising

चीन हमारा शत्रु नहीं- दलाईलामा

धर्मशाला। तिब्बतियों के प्रमुख धर्मगुरू महामहिम दलाईलामा ने कहा है कि चीन हमारा शत्रु नहीं है, लेकिन तिब्बत समस्या का हल निकाला जाना जरूरी है और यह हल अहिंसात्मक रूप से होना चाहिए। दलाईलामा यहां मैकलोडगंज में स्थित बौद्ध मंदिर में अमेरिकी सांसदों के सम्मान में आयोजित समारोह में बोल रहे थे। इस अवसर पर अमेरिकी सांसदों ने भी तिब्बत की समस्या को लेकर अपने विचार व्यक्त किए।

Advertisement

दलाई लामा ने कहा, “मैं भारत सरकार का सबसे लंबी अवधि का मेहमान हूं। यह मेरा दूसरा घर है। असली घर दूसरी तरफ है। मैं तिब्बत और चीन में 400 मिलियन बौद्धों को याद कर अक्सर भावुक हो जाता हूं।” 

अमेरिकी सांसदों ने इस अवसर पर कहा कि तिब्बत समस्या का हल मध्यमार्गी प्रयास से निकलेगा। चीन को भी इस मुद्दे पर वार्ता के लिए आगे आना होगा। व्हाइट हाउस दलाई लामा से पहले की तरह अपने संबंध बनाए रखेगा। उन्होंने कहा कि यह मुद्दा यूएस हाउस में भी रखा जाएगा ताकि तिब्बतियों को आजादी मिले और वे स्वतंत्र रूप से अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ा सकें।

अमेरिकन सांसदों ने कहा कि तिब्बत में तिब्बतियों के साथ न्याय नहीं हुआ है। इस मसले पर हम तिब्बतियों के साथ खड़े हैं। उन्होंने कहा कि चीन इस मसले के हल लिए कोई मध्यमार्गी प्रयास करे और 11वें पंचेन लामा सहित सभी राजनीतिक बंदियों को भी रिहा करे। उन्होंने कहा कि तिब्बत के मसले को लेकर उठाई गई आवाज तब तक जारी रहेगी जब तिब्बत आजाद नहीं हो जाता है।  

इससे पूर्व मंगलवार को अमेरिकी सांसदों के आठ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने पूर्व स्पीकर नैंसी पेलोसी के नेतृत्व में दलाईलामा के साथ भेंट की। दलाईलामा के मैक्लोडगंज स्थित आवास में हुई इस बैठक में तिब्बत के हालात पर चर्चा हुई। दलाईलामा ने वर्ष 1959 में तिब्बत को छोड़ कर भारत (धर्मशाला) में शरण ली थी। उसके बाद यहीं से तिब्बत की निर्वासित सरकार चल रही है। इस समय डॉ.लोबसंग सांग्ये निर्वासित सरकार के प्रधानमंत्री हैं। प्रधानमंत्री ने मीडिया को ब्रीफिंग करते हुए बताया कि अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल के दौरे का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा, वैश्विक अर्थव्यवस्था, द्विपक्षीय और बहुपक्षीय संबंधों और मानवाधिकारों पर ध्यान केंद्रित करना है।

नैंसी पेलोसी ने कहा, “हमारे इस दौरे के पीछे दलाईलामा के प्रति विश्र्वास और शांति की भावना है। हम तिब्बती लोगों, उनके विश्र्वास व उनकी संस्कृति के प्रति प्रतिबद्ध हैं।”

एचएनपी सर्विस

Recent Posts

पं नेहरू के प्रति मेरे मन में पूरा सम्मानः शांता कुमार

धर्मशाला। पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री शांता कुमार ने कहा है कि पालमपुर नगर… Read More

6 months ago

मणिकर्ण में आग लगने से दो मंजिला मकान जलकर राख

कुल्लू। जिला कुल्लू के मणिकर्ण घाटी के गांव सरानाहुली में बुधवार रात को दो मंजिला… Read More

6 months ago

फासीवाद बनाम प्रगतिशील

फासीवाद और प्रगतिशील दोनों विपरीत विचारधाराएं हैं। एक घोर संकीर्णवादी है तो दूसरी समाज में… Read More

6 months ago

वाईब्रेंट विलेज नमग्या पहुंचे राज्यपाल, स्थानीय संस्कृति एवं आतिथ्य की सराहना की

राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के तहत किन्नौर जिला के सीमावर्ती… Read More

8 months ago

दुग्ध उत्पादकों के लिए जुमलेबाज ही साबित हुई सुक्खू सरकार

रामपुर। कांग्रेस ने चुनाव के दौरान 80 व 100 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से… Read More

11 months ago

खुलासाः मानव भारती विवि ने ही बनाई थीं हजारों फर्जी डिग्रियां

शिमला। मानव भारती निजी विश्वविद्यालय के नाम से जारी हुई फर्जी डिग्रियों में इसी विवि… Read More

11 months ago
Advertisement