शिमला। हिमाचल प्रदेश में होमगार्ड के जवानों को अब पुलिस जवानों के बराबर न्यूनतम वेतन और भत्ते मिलेंगे। सुप्रीमकोर्ट ने बुधवार को अपने एक फैसले में होमगार्डों को इस मामले में बड़ी राहत दी है। प्रदेश सरकार ने भी मान है लिया कि अदालत के फैसले की पूरी अनुपालना की जाएगी।
हालांकि, हिमाचल गृहरक्षक यूनियन की ओर से वर्ष 2008 में दायर याचिका पर सुप्रीमकोर्ट ने 12 मार्च 2015 को ही फैसला सुना कर प्रदेश सरकार को आदेश दे दिए थे कि होमगार्डों को पुलिस के बराबर न्यूनतम वेतन और भत्ते दिए जाएं, लेकिन सरकार ने फैसले की गलत व्याख्या करते हुए इस पर अमल नहीं किया।
अंततः यूनियन को सुप्रीमकोर्ट में सरकार के खिलाफ अवमानना का मामला दर्ज कराना पड़ा। बुधवार को सुप्रीमकोर्ट की खंडपीठ में न्यायमूर्ति मदन लोकुर और एनवी रमणा ने अवमानना याचिका का निपटारा करते हुए फैसला सुनाया कि होमगार्ड के जवानों को भी न्यूनतम वेतन, ग्रेड पे और महंगाई भत्ता अन्य पुलिस कर्मियों की तरह दिए जाएं। प्रदेश सरकार ने भी अदालत में माना कि सुप्रीमकोर्ट के पूर्व के आदेशों की पूरी अनुपालना की जाएगी।
अलग-अलग याचिकाओं में इस मामले की पैरवी वरिष्ठ अधिवक्ता जयंत भूषण, अधिवक्ता विनोद शर्मा, विकास महाजन, एमसी ढींगरा और अश्वनी गुप्ता आदि ने की, जबकि हिमाचल सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता एसएन सिंह पेश हुए थे।